थलसेना में कार्यरत आरोपी को जमानत नहीं, भुसावल से गिरफ्तार हुआ था आरोपी

No bail to the accused working in the army, the accused was arrested from Bhusaval
थलसेना में कार्यरत आरोपी को जमानत नहीं, भुसावल से गिरफ्तार हुआ था आरोपी
नाबालिग को यौन उत्पीड़न कर ट्रेन से फेका थलसेना में कार्यरत आरोपी को जमानत नहीं, भुसावल से गिरफ्तार हुआ था आरोपी

डि़जिटल डेस्क, मुंबई। यौन उत्पीड़न के कथित करतूत के बाद नाबालिग बच्ची को चलती ट्रेन से फेकना काफी गंभीर कृत्य है। यह बात कहते हुए बांबे हाईकोर्ट ने थल सेना में कार्यरत आरोपी प्रभु उपर को जमानत देने से मना कर दिया है। पुलिस ने आरोपी को लंबी दूरी की ट्रेन में आठ साल की बच्ची का यौन उत्पीड़न करनेवाले आरोपी को पिछले साल भुसावल स्टेशन से गिरफ्तार किया था। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ 363, 364,376,376एबी व पाक्सो कानून की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था। इस मामले में गिरफ्तार आरोपी ने कोर्ट में जमानत के लिए आवेदन दायर किया था। न्यायमूर्ति विनय जोशी के सामने आरोपी के जमानत आवेदन पर सुनवाई हुई। मामले से जुड़े तथ्यों पर गौर करने के बाद न्यायमूर्ति ने पाया कि पीड़ित बच्ची की मां ट्रेन से अपनी तीन बेटियों के साथ वास्को से दिल्ली जा रही थी। आरोपी उनके सामने के सीट पर था। सुबह के समय जब टीसी ने बच्ची के मां से उनकी बेटी के लपता होने की जानकारी पूछी तो बच्ची ने अपनी बेटी के गायब होनी की जानकारी मिली। बच्ची की मां को बताया गया कि उनकी बेटी रेलवे की पटरी में मिली है। इसलिए उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अस्पताल में जब मां अपनी बेटी से मिली तो उसने बताया कि उसकी सामने की सीट का यात्री उसे जबरन अपने साथ शौचालय में ले गया था। और उसने उसका यौन उत्पीड़न किया था। किंतु जब मैंने(पीड़िता) इसका विरोध किया तो मुझे रेलवे के डिब्बे के नीचे फेक दिया गया। 

वहीं आरोपी के वकील ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उनके मुवक्किल थल सेना में कार्यरत है इसलिए उनके फरार होने की संभावना नहीं है। लिहाजा उनके मुवक्किल को जमानत दी जाए। न्यायमूर्ति ने कहा कि इस मामले में आरोपी की सीधी संलिप्ततात को दिखानेवाले पर्याप्त सबूत है। आरोपी को जब पीड़िता के सामने लाया गया तो पीड़िता ने उसकी शिनाख्त भी कर ली है। आरोपी थल सेना में है। उसका काम लोगों की रक्षा करना है। इसके बावजूद उसका नाम नाबालिग के यौन उत्पीड़न में आया है। आरोपी का कृत्य काफी गंभीर है। इसलिए उसके जमानत आवेदन को खारिज किया जाता है। 

 

Created On :   16 May 2022 9:52 PM IST

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