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नो हार्न डे से कम होगा ध्वनि प्रदूषण, काॅर्पोरेट के सहयोग से बदलेगी गांवों की तस्वीर

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य सरकार अब काॅर्पोरेट क्षेत्र के सहयोग से विभिन्न सामाजिक क्षेत्रों में बदलाव लाएगी। इसके लिए सरकार के अलग-अलग काॅर्पोरेट कंपनियों के बीच 34 करार हुए। बुधवार को सीएम देवेंद्र फडणवीस और विभिन्न कंपनी के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में अनुबंध हुआ। टाटा ट्रस्ट के साथ सरकार के अलग-अलग विभागों ने नागपुर में रीजनल मेंटल अस्पताल के विकास करने और मॉडल हेल्थ कार्यक्रम को लागू करने, चंद्रपुर में बुजुर्गों की देखभाल के लिए कार्यक्रम शुरू करने, नागपुर महापालिका क्षेत्र में स्वास्थ्य संबंधी कार्यक्रम शुरू करने, गडचिरोली, गोंदिया, भंडारा, चंद्रपुर और नागपुर जिले के पुराने मालगुजारी तालाबों का संवर्धन, अकोला, यवतमाल और अमरावती में जलयुक्त शिवार अभियान, नाशिक में धरना और तलाबों का गाद निकालने, गडचिरोली, नाशिक, नंदूरबार और पालघर में 30 आदिवासी आश्रमशालाओं का विकास करने, गडचिरोली और नागपुर में कैंसर केयर सिस्टम शुरू करने के लिए करार किया।
वाईल्ड लाईफ कन्जर्वेशन ट्रस्ट के साथ भी करार
चंद्रपुर के गांवों के विकास कार्यक्रम के तहत वाईल्ड लाईफ कन्जर्वेशन ट्रस्ट के साथ करार किया गया। नागपुर, अमरावती और औरंगाबाद विभाग में लगभग 500 पानी के स्रोतों को गादमुक्त करने के लिए विभिन्न कंपनियों से करार हुआ। अमरावती में पोषण कार्यक्रम के लिए टाटा केमिकल, गादमुक्त धरना-गादयुक्त शिवार अभियान के तहत टाटा सेंटर ऑफ डेवलपमेंट- शिकागो विश्वविद्यालय के बीच करार हुआ। राज्य सरकार और कार्पोरेट क्षेत्र के संयुक्त सहयोग से गांवों का कायापलट करने के उद्देश्य से विलेज सोशल ट्रांसफाॅर्मेशन फाउंडेशन की स्थापना की गई है। इसके तहत गांवों के विकास के लिए विभिन्न समझौते किए गए हैं। सीएम ने कहा कि राज्य सरकार और काॅर्पोरेट क्षेत्र के संयुक्त सहयोग से राज्य के सर्वांगीण विकास के लिए ये करार अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि राज्य की विकास प्रक्रिया में काॅर्पोरेट क्षेत्र महत्वपूर्ण योगदान कर रहा है।
कुछ इस तरह इन इलाकों का होगा विकास
काॅर्पोरेट क्षेत्र के पास ज्ञान, अनुसंधान, कौशल्य, क्षमता, तकनीकी आदि का उपयोग कर राज्य के विकास की प्रक्रिया को गति दी जा सकेगी। कॉर्पोरेट क्षेत्र के सहयोग से चौतरफा विकास हो सकेगा। सरकार ने टाटा ट्रस्ट्स, टाटा पावर, टाटा केमीकल, टाटा सेंटर ऑफ डेवलपमेंट - शिकागो विद्यापीठ, इग्ना फाउंडेशन, आदित्य बिरला फाउंडेशन, एटीई फाउंडेशन, आर झुनझुनवाला फाउंडेशन, आर के दमानी, इनाम होल्डिंग्स, बिलियन लाइव्ज और अन्य कार्पोरेट कंपनियों के साथ विभिन्न विभागों के बीच कुल मिलाकर 34 समझौते हुए। सरकार ने स्वास्थ्य, पोषण, वन्यजीव संवर्धन, पशुसंवर्धन, कौशल्य विकास, आदिवासी आश्रमशाला, जलसंरक्षण, ग्रामविकास आदि विभिन्न क्षेत्रों में काम के लिए कंपनियों से समझौता किया है।
नो हार्न डे से कम होगा ध्वनि प्रदूषण
ध्वनि प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए बुधवार से राज्य में नो हार्न डे की शुरुआत की गई। इस अभियान के प्रति लोगों को जागरुकता करने के लिए राज्य के गृह राज्यमंत्री डॉ रणजीत पाटिल खुद सड़क पर उतरे। उन्होंने कार-टैक्सी चालकों से मुलाकात कर इस अभियान की अहमियत बताई और इस अभियान को अपना सहयोग देने की अपील की। पाटिल ने कहा कि तेज अवाज हर किसी के लिए समस्या बन गई है। इसका लोगों के स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ता है। अचानक बजने वाले हार्न से कई बार भीषण दुर्घटनाएं भी होती है। इस पर नियंत्रण होना जरुरी है। इसलिए ‘नो हार्न डे अभियान’ की शुरुआत की गई है।परिवहन विभाग ने इस अभियान को प्रभावी रुप से लागू करने के लिए ठोस कदम उठाए है। ताकि नो हार्न डे अभियान के जरिए ध्वनि प्रदूषण पर नियंत्रण किया जा सके।
Created On :   6 Dec 2017 10:05 PM IST