इंदौर हादसे से सबक नहीं... वैन में ड्राइवर की गोद में बैठे दिखे बच्चे

No lesson from Indore accident, overloading of children in school van
इंदौर हादसे से सबक नहीं... वैन में ड्राइवर की गोद में बैठे दिखे बच्चे
इंदौर हादसे से सबक नहीं... वैन में ड्राइवर की गोद में बैठे दिखे बच्चे

डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। इंदौर के डीपीएस बस हादसे से सबक लिया जाना था, लेकिन जिला मुख्यालय में स्कूल बसों की रफ्तार कम नहीं हुई है। वैन का भी वही नजारा दिखा। शनिवार को भास्कर टीम स्कूल तक पहुंची तो नजारा डरा देने वाला था। सबसे पहले तो स्कूलों के आसपास बेतरतीब बसों, वैन व आटो का जमावड़ा था। स्पीड गवर्नर के बावजूद बसों की रफ्तार भी जगह से उड़ान भरने जैसी थी। वैन इतनी ठंसाठंस कि बच्चे ड्राइवर की गोद में भी बैठे नजर आए। सिर्फ इतने पर जिम्मेदारों यानी जिला प्रशासन और स्कूल संचालकों की आंखें खुल जानी चाहिए। अफसोस तो इस बात का जताया जाना चाहिए कि इंदौर जैसी दर्दनाक घटना के बाद भी कोई नहीं चेता।

नियमों के तहत ये जरूरी

परिवहन विभाग के नियमों में स्कूल बसों में स्पीड गवर्नर, महिला परिचालक, सीसीटीवी तथा जीपीएस सिस्टम, इमरजेंसी नंबर और वाहन फिट होना चाहिए। 

ऐसे हो रही अनदेखी: फिटनेस की जांच नहीं, स्पीड गवर्नर के बाद भी तेज गति, क्षमता से अधिक बच्चों की सवारी, एलपीजी गैस से चल रहे छोटे वाहन, महिला परिचालक गायब फिर भी कार्रवाई नहीं। 

स्पीड गवर्नर से हो रही छेड़छाड़
परिवहन विभाग ने स्कूल बसों समेत भारी वाहनों में स्पीड गवर्नर अनिवार्य किया है। जिसके लगने के बाद वाहन की गति ६० किमी प्रति घंटा से ज्यादा न हो सके, लेकिन वाहनों में लगाए जा रहे स्पीड गवर्नर से आरटीओ कार्यालय से निकलने के बाद छेड़छाड़ की जा रही है। वाहनों में घटिया स्पीड गवर्नर भी लगाए जा रहे हैं।

कम्प्यूटर से नहीं हो रही फिटनेस

वर्तमान में परिवहन कार्यालय में वाहनों की फिटनेस मेन्युअल ही हो रही है। जबकि आंजनगांव में ऑटोमेटिव फिटनेस सेंटर खोला जा चुका है। यहां वाहनों की २२ प्रकार की जांच होनी है। कहा जा रहा है कि स्वार्थवश राजनीतिक प्रेशर से उक्त सेंटर को बंद करा दिया गया है।

सिर्फ नोटिस देकर रस्म अदायगी

परिवहन विभाग ने स्कूल बसों में सीसीटीवी व जीपीएस लगाने के लिए ३१ दिसंबर तक का अल्टीमेटम दिया था। जिसके बाद परिवहन विभाग ने कार्रवाई की बात की थी। एक सप्ताह गुजर चुका है। परिवहन विभाग ने अपने ही नोटिस की सुध नहीं ली। 

और घटाई स्पीड, अब 40 किमी प्रति घंटा
इंदौर में स्कूल बस के हादसे के बाद परिवहन आयुक्त ने जिले में भी स्कूल बसों की जांच के आदेश दिए हैं। आदेश के बाद परिवहन अमला जांच में जुट गया। परिवहन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने शैक्षणिक संस्थाओं के वाहनों की गति 60 किमी प्रति घंटा से कम करते हुए 40 किमी प्रतिघंटा निर्धारित करने के निर्देश दिए है।

हजारों स्कूल वाहन, पंजीयन सिर्फ 270 का

जिले में परिवहन विभाग में 270 बस व छोटे वाहनों को स्कूली बच्चों के परिवहन के लिए पंजीकृत कराया गया है, लेकिन जिले के प्रमुख एक-दो स्कूलों में ही आंकड़े से ज्यादा वाहन देखे जा सकते हैं। बिना पंजीयन दौड़ रहे वाहनों पर भी लगाम लगाने की जहमत नहीं उठाई गई है।

वहीं इस मामले में छिंदवाड़ा के अतिरिक्त परिवहन अधिकारी संतोष पॉल का कहना है कि ट्रांसपोर्ट कमिश्नर के आदेश के बाद शनिवार से स्कूली वाहनों की जांच शुरू कर दी गई है। बच्चों की सुरक्षा में लापरवाही बरतने वाले स्कूल प्रबंधनों पर कार्रवाई की जाएगी। विभाग ने जो नियम तय किए हैं, वह अगर स्कूल प्रबंधन पूरा नहीं करता है तो वाहन जब्ती की कार्रवाई की जाएगी।

 

Created On :   7 Jan 2018 1:10 PM GMT

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