10 लाख तक के विकास कार्यों के लिए ई-टेंडरिंग की जरुरत नहीं, विधान परिषद में वित्तमंत्री ने की घोषणा 

No need for e-tendering for development works up to 10 lakhs
10 लाख तक के विकास कार्यों के लिए ई-टेंडरिंग की जरुरत नहीं, विधान परिषद में वित्तमंत्री ने की घोषणा 
10 लाख तक के विकास कार्यों के लिए ई-टेंडरिंग की जरुरत नहीं, विधान परिषद में वित्तमंत्री ने की घोषणा 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश में दस लाख रुपए तक के विकास कामों के लिए अब ई टेंडर की जरूरत नहीं पड़ेगी। राज्य सरकार ई टेंडर की सीमा को तीन लाख रुपए से बढ़ाकर दस लाख करेगी। बुधवार को विधान परिषद में प्रदेश के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने यह घोषणा की। सदन में साल 2021-22 के बजट को मंजूरी मिल गई। बजट पर हुई चर्चा के जवाब में उपमुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में पूर्व की फडणवीस सरकार ने साल 2014 में तीन लाख रुपए से अधिक राशि के कामों के लिए ई टेंडर अनिवार्य किया था। लेकिन विधानमंडल के दोनों सदनों के विधायकों की यह सीमा बढ़ाने की मांग थी। इसलिए राज्य में अब दस लाख रुपए तक के कामों के लिए ई टेंडर की आवश्यकता नहीं होगी। 

विदर्भ अंचल को 26 प्रतिशत निधि

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि हमने विदर्भ और मराठवाड़ा वैधानिक विकास मंडल की अवधि बढ़ाने का आश्वासन दिया है। फिलहाल विकास मंडल अस्तित्व में नहीं है लेकिन सरकार ने बजट में विदर्भ को 26 प्रतिशत निधि उपलब्ध कराया है। जबकि वैधानिक विकास मंडल में 23 प्रतिशत निधि देने का प्रावधान था। मराठवाड़ा को 18 प्रतिशत और शेष महाराष्ट्र को 56 प्रतिशत निधि उपलब्ध कराई गई है। वैधानिक विकास मंडल के प्रावधान की तुलना में  शेष महाराष्ट्र को 3 प्रतिशत निधि उपलब्ध कराई गई है।  उपमुख्यमंत्री ने कहा कि औरंगाबाद के वेरुल स्थित घृष्णेश्वर मंदिर का जीर्णोद्धार किया जाएगा। इसके लिए सरकार की ओर से निधि उपलब्ध कराई जाएगी। 
 

Created On :   10 March 2021 9:31 PM IST

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