गणेश पंडाल की प्रदर्शनी से न हो किसी का अनादर, दिखाने की सशर्त अनुमति 

No one should be disrespected by the exhibition of Ganesh Pandal, conditional permission to show
गणेश पंडाल की प्रदर्शनी से न हो किसी का अनादर, दिखाने की सशर्त अनुमति 
हाईकोर्ट गणेश पंडाल की प्रदर्शनी से न हो किसी का अनादर, दिखाने की सशर्त अनुमति 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने कहा है कि गणेशोत्सव के दौरान पंडाल में दिखाई जानेवाली प्रदर्शनी का उद्देश्य समाज को संदेश देनेवाले होने चाहिए। यह प्रदर्शनी किसी पर टिप्पणी अथवा किसी का अनादर करने का जरिया नहीं बनना चाहिए। हाईकोर्ट ने कल्याण के एक गणपति मंडल को यह नसीहत दी है। मंडल ने गणेशोत्सव के दौरान पूरे देश का ध्यान खीचने वाले महाराष्ट्र के ‘सत्ता संघर्ष’ को लेकर गणेश पंडाल में प्रदर्शनी लगाई थी। किंतु पुलिस ने माहौल खराब होने की आशंका के चलते विजय तरुण मंडल को सत्ता सर्घष से जुड़ी प्रदर्शनी दिखाने से रोक दिया था। जिसके खिलाफ मंडल ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में मुख्य रुप से प्रदर्शनी हटाने को लेकर पुलिस की ओर से 25 अगस्त 2022 को जारी नोटिस को चुनौती दी गई थी। 

शुक्रवार को न्यायमूर्ति रेवती मोहिते ढेरे व न्यायमूर्ति माधव जामदार की खंडपीठ के सामने इस याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद खंडपीठ ने कहा कि गणेशोत्सव के दौरान दिखाई जानेवाली प्रदर्शनी का उद्देश्य समाजिक संदेश देना होना चाहिए न की प्रदर्शनी को किसी का अनादर करने का माध्यम नहीं बनाना चाहिए। खंडपीठ ने फिलहाल मंडल को सशर्त प्रदर्शनी दिखाने की इजाजत दी है, लेकिन कहा है कि इस प्रदर्शनी में कुछ भी आपत्तिजनक नहीं होना चाहिए। प्रदर्शनी के दौरान आपत्तिजनक शब्द, चित्र व दृश्य न हो। इस दौरान खंडपीठ के सामने प्रदर्शनी की एक ट्रांसक्रिप्ट व वीडियो क्लिप पेश की गई। जिसको लेकर याचिकाकर्ता व पुलिस ने संतोष व्यक्त किया। सुनवाई के दौरान मामले से संबंधित पुलिस अधिकारी भी कोर्ट में मौजूद थे। खंडपीठ ने अब इस मामले की अगली सुनवाई 5 सितंबर 2022 को रखी है। 

 

Created On :   2 Sept 2022 8:14 PM IST

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