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निजी स्कूलों में सुरक्षा संबंधी व्यवस्थाओं पर जोर, उल्लंघन पर होगी कार्रवाई
डिजिटल डेस्क,शहडोल। निजी स्कूलों में बच्चों को लाने ले जाने के लिए निजी वाहन चालकों का न तो पुलिस वेरीफिकेशन हुआ और न ही उनके वाहनों का संस्था में रजिस्ट्रेशन है। ये बात खुद निजी स्कूलों के संचालकों और प्राचार्यों ने कबूली है।
गौरतलब है कि स्कूलों में स्टूडेंट्स की सुरक्षा संबंधी मामलों को लेकर एसपी न स्कूल प्रबंधन की बैठक बुलाई। बैठक में यह बात आई कि संस्थानों के वाहनों में नियमों का पालन होता है, लेकिन निजी वाहनों में इसकी अनदेखी की जा रही है। हरियाणा के एक स्कूल में मासूम बच्चे की निर्मम हत्या की घटना के बाद लोक शिक्षण विभाग मप्र ने स्कूलों में विद्यार्थियों की सुरक्षा बनाने के जारी निर्देशों के बाद रविवार को कंट्रोल रूम में बैठक आयोजित की। बैठक में एसपी सुशांत सक्सेना ने सुरक्षा संबंधी निर्देशों की विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि 15 दिनों में व्यवस्था कर ली जाए। इसके बाद निरीक्षण होगा, यदि खामी पाई जाती है तो स्कल संचालकों पर कार्रवाई की जाएगी।
इन व्यवस्थाओं पर जोर
शासकीय व निजी स्कूलों को सुरक्षा को लेकर जो उपाय करने हैं उनके बारे में एसपी ने कहा कि संस्था में कार्य करने वाले समस्त कर्मचारियों से यह शपथ पत्र लेना होगा कि उनके खिलाफ कोई आपराधिक प्रकरण तो नहीं है। जिन वाहनों में छात्राएं होती हैं उनमें महिला कंडक्टर व महिला कर्मचारी अनिवार्य रूप से रखी जाएं। यह नियम निजी वाहनों पर भी लागू होगा। स्कूल में कार्यरत समस्त कर्मचारियों के अलावा वाहन चालक, क्लीनर का पुलिस वेरीफिकेशन जरूरी होगा। कर्मचारियों की फोटो व पहचान पत्र पुलिस में देना होगा। किसी कार्य के लिए बाहर से आने वाले स्टॉफ का सत्यापन कराना होगा। बच्चों के व्यवहार में आने वाले बदलाव को परखने के लिए पार्ट टाइम काउंसलर की नियुक्ति करनी होगी। स्कूल व वाहनों में शिकायत पेटी लगानी होगी, जिनका जायजा प्रतिदिन प्राचार्य करेंगे। स्कूलों के टॉयलेट सुरक्षित होने चाहिए। छात्राओं के टॉयलेट की दिशा में किसी भी पुरुष कर्मचारी या स्टॉफ नहीं जाने चाहिए। सभी स्कूलों में सीसीटीवी कैमरा अनिवार्य रूप लगाया जाना चाहिए।
मान्यता भी हो सकती है समाप्त
एसपी ने निर्देशों का हवाला देते हुए कहा कि सुरक्षा मानकों की अनदेखी करने वाले स्कूलों की मान्यता तक समाप्त हो सकती है। उन्होंने कहा कि बच्चों का अधिक समय स्कूल में बीतता है। यह जिम्मेदारी प्रबंधन की होती है कि बच्चों में होने वाले बदलाव को समझकर माता-पिता को अवगत कराएं। जहां जरूरी हो पुलिस को सूचित करें। उपसंचालक एनडी सोनवानी ने कहा कि निर्देशों का पालन कराने का प्रयास किया जाएगा। बैठक में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शिव कुमार वर्मा, डीएसपी यातायात विलास बाघमारे, डीएसपी हेमंत शर्मा, कोतवाली टीआई सतीश सिंह, यातायात प्रभारी नित्यानंद पाण्डेय, शासकीय व निजी स्कूलों के संचालक-प्राचार्य मौजूद रहे।
...तो अभिभावकों पर जुर्माना
बैठक के दौरान यह बात सामने आई कि नाबालिग छात्र स्वयं की बाइक का प्रयोग करते हैं। जिस पर एसपी ने यातायात डीएसपी को निर्देशित किया कि स्कूलों में जाकर यह पता लगाएं कि नाबालिग छात्र बाइक लेकर तो नहीं आते। परिसर के बाहर बाइक रोककर अभिभावक को समझाइश दें, फिर भी स्थिति नहीं सुधरती तो नियमानुसार उनके अभिभावकों पर जुर्माना जैसी कार्रवाई करें।
Created On :   18 Sept 2017 3:26 PM IST