एक जिले से दूसरे जिले में आवाजाही पर भी रोक नहीं

No restriction on movement from one district to another
एक जिले से दूसरे जिले में आवाजाही पर भी रोक नहीं
मुंबई लोकल अभी बंद नहीं होंगी एक जिले से दूसरे जिले में आवाजाही पर भी रोक नहीं

डिजिटल डेस्क, मुंबई। कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच प्रदेश में फिलहाल एक जिले से दूसरे जिले में लोगों के आवाजाही पर पाबंदी नहीं लगाई जाएगी। मुंबई की उपनगरीय लोकल ट्रेनों को भी अभी बंद नहीं किया जाएगा। फिलहाल राज्य में लॉकडाउन भी नहीं लागू किया जाएगा। लेकिन पाबंदियों को निश्चित रूप से बढ़ाया जाएगा। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने यह बातें स्पष्ट की है। गुरुवार को राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने कोरोना की स्थिति को लेकर राज्य के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की। इसके बाद टोपे ने बताया कि बैठक में साप्ताहिक लॉकडाउन और नाइट कर्फ्यू लागू करने के बारे में चर्चा हुई है। लेकिन इस बारे में अभी तक कोई अंतिम फैसला नहीं लिया गया है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ही पाबंदियों को लागू करने के बारे में अंतिम फैसला लेंगे। टोपे ने कहा कि पवार और मुख्यमंत्री के बीच हर दिन सुबह सात बजे फोन पर नियमित चर्चा होती है। इसलिए पवार ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से कोरोना की स्थिति को जाना है। जिससे कि पाबंदियों के बारे में उन्हें और मुख्यमंत्री को चर्चा करने में आसानी हो सके। टोपे ने कहा कि विवाह समारोह और सार्वजनिक कार्यक्रमों में केवल 50 लोगों के शामिल होने की अनुमति वाले नियम का कड़ाई से पालन किए जाना चाहिए। टोपे ने कहा कि राज्य में 70 से 80 लाख लोगों ने कोरोना का एक भी टीका नहीं लगवाया है। उन्हें टीकाकरण पूरा करना चाहिए। इसके अलावा जिन लोगों को कोरोना के टीके की दूसरी खुराक बाकी है। उन्हें दूसरा डोज लेकर टीकाकरण पूरा करना चाहिए।

टोपे ने कहा कि राज्य में 10 जनवरी से मुधमेय जैसी कई गंभीर बीमारियों से पीड़ित और 60 साल से अधिक आयु वाले लोगों को बुस्टर डोज लगाया जाएगा। टोपे ने बताया कि पवार भी बूस्टर डोज लगवाएंगे। इस बीच टोपे ने कहा कि मुंबई में कोरोना के मरीजों की संख्या दूसरी लहर की तरह बढ़ रही है। मुंबई में कोरोना संक्रमण दर बढ़कर 25 प्रतिशत पहुंच गई है। फिर भी थोड़ी राहत की बात है कि मुंबई के अस्पतालों में 80 प्रतिशत बिस्तर खाली है। कोरोना के मरीजों के लिए ऑक्सीजन की मांग नहीं बढ़ी है। टोपे ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर में मानव संसाधन की कमी को दूर करना सबसे बड़ी चुनौती है क्योंकि स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े लोग तेजी संक्रमित हो रहे हैं। 

 

Created On :   6 Jan 2022 8:53 PM IST

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