पूर्व मंत्री गिरीश महाजन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई पर रोक

No Strict action against former minister Girish Mahajan
पूर्व मंत्री गिरीश महाजन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई पर रोक
पूर्व मंत्री गिरीश महाजन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई पर रोक

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने पूर्व मंत्री व भारतीय जनता पार्टी के विधायक गिरीश महाजन व उनके निजी सहायक रामेश्वर नाईक को राहत प्रदान की है। मामला जनवरी 2018 मंं जलगांव जिला मराठा शिक्षण प्रसारक समाज ट्रस्ट के ट्रस्टी से हुए विवाद से जुड़ा है। जिसको लेकर महाजन व नाईक के खिलाफ जलगांव के निभोरा पुलिस स्टेशन में दिसंबर 2020 को एफआईआर दर्ज कराई गई है। जिसे बाद में पुणे के कोथरुड पुलिस स्टेशन में स्थानांतरित कर दिया गया है। यह शिकायत पेशे से वकील व ट्रस्ट के ट्रस्टी विजय पाटील ने दर्ज कराई है। जिसे रद्द किए जाने की मांग को लेकर महाजन और नाईक ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। हाईकोर्ट ने फिलहाल पुलिस को महाजन व नाईक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने से रोक दिया है। और मामले की सुनवाई 7 जनवरी 2021 तक के लिए स्थगित कर दी है। 

गुरुवार को न्यायमूर्ति एसएस शिंदे व न्यायमूर्ति एमएस कर्णिक की खंडपीठ के सामने याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता मिलिंद साठे ने कहा कि इस प्रकरण को लेकर एफआईआर घटना के करीब तीन साल बाद दर्ज कराई गई है। महज विलंब के आधार पर ही इस एफआईआर को रद्द किया जाना चाहिए। इस पर खंडपीठ ने कहा कि फिलहाल हम याचिकाकर्ता को संरक्षण प्रदान करते हैं लेकिन बाद में हम इस मामले से जुड़े पहलूओं का परीक्षण करेंगे। याचिका के मुताबिक यह मामला राजनीति से प्रेरित है।

याचिकाकर्ता का उपरोक्त ट्रस्ट से कोई संबंध नहीं है। इसलिए मामले को रद्द किया जाए। जबकि शिकायत में दावा किया गया है कि शिकायतकर्ता को जनवरी 2018 में उसे ट्रस्ट से जुड़े दस्तावेज लेने के लिए पुणे बुलाया गया था। यहां से उसे कुछ लोग एक होटल में ले गए। जहां उसे डराया-धमकाया गया और ट्रस्ट से त्यागपत्र देकर दूर रहने के लिए कहा गया। शिकायत में दावा किया गया है कि यह सब याचिकाकर्ताल (महाजन) के कहने पर किया गया है। चूंकि यह घटना पुणे इलाके में घटित हुई थी इसलिए मामले को वहां के कोथरुड पुलिस स्टेशन में भेज दिया गया है।  

 

Created On :   17 Dec 2020 10:38 PM IST

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