घर में नहीं है शौचालय: पत्र लिख कर मायके जा रहीं है इस गांव की महिलाएं

no toilet : women are leaving their husbands home
घर में नहीं है शौचालय: पत्र लिख कर मायके जा रहीं है इस गांव की महिलाएं
घर में नहीं है शौचालय: पत्र लिख कर मायके जा रहीं है इस गांव की महिलाएं

डिजिटल डेस्क,शहडोल। ऐसा लग रहा है कि अक्षय कुमार की हाल ही में रिलीज हुई फिल्म का असर गांव-गांव तक पड़ने लगा है। जिस तरह फिल्म में अक्षय के घर में शौचालय न होने पर उसकी बीवी उसे छोड़कर मायके चली जाती है वैसा ही हाल अब जिले की जनपद पंचायत ब्यौहारी की ग्राम पंचायत बरहाटोला के गांव बिजहा का भी है यहां की महिलाएं इसलिए मायके चली गईं क्योंकि ससुराल में शौचालय नहीं बने हुए हैं। अनेक महिलाएं मायके जाने की तैयारी कर रही हैं। अनेक महिलाओं ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों को बकायदे पत्र भी लिखा है, जिसमें कहा गया है कि शौचालय नहीं होने से उन्हें भारी परेशानी होती है। बार-बार कहने के बाद भी ससुराल के लोग निर्माण नहीं करा रहे हैं। इसलिए उनके पास मायके चले जाने के अलावा कोई चारा नहीं है।

जिले में अब तक का यह अनोखा मामला है जहां गांव की महिलाएं एकजुट होकर मायके जाने पर आमदा हो गईं हैं। एक ओर जहां उनके पति परेशान हैं वहीं दूसरी ओर यह जगह-जगह चर्चा का विषय बना हुआ है। ससुराल पक्ष के लोग अब आनन-फानन में शौचालय निर्माण की तैयारी में जुटे हैं तो कुछ अब भी खुद को लाचार महसूस करते हुए शौचालय निर्माण में अक्षम बता रहे हैं।

शौचालय को लेकर महिलाओं में जागरुकता की अलख जगाने का कार्य गांव की बहू स्वाती सोनी ने किया। जिला सिंगरौली निवासी स्वाती का विवाह  जून 2017 में बिजहा गांव के शिवशंकर सोनी के साथ हुआ था। अपने पति और ससुराल के अन्य लोगों से घर में शौचालय बनवाने की बात कही, जब वो लोग नहीं माने तब स्वाती ने गाँव की महिला जिला पंचायत सदस्य कृष्णा पटेल को एक पत्र लिखकर अपनी निजता की समस्या से अवगत कराया। उसने कहा अगर मुझे पता होता कि इनके घर शौचालय नहीं है तो मैं शादी ही नहीं करती।

इसके बाद भी जब ससुराल पक्ष के लोग शौचालय निर्माण के लिए राजी नहीं हुए तो स्वाती सोनी ने ऐलान कर दिया कि अब वह अपने मायके वापस चली जाएंगी और तब तक वापस नहीं आएगी जब तक ससुराल में शौचालय का निर्माण नहीं होता है। स्वाती के पति शिवशंकर का कहना है कि यह बात सही है कि शौचालय नहीं होने से परेशानी होती है। पत्नी के मायके में बना हुआ है। निर्माण के लिए आवेदन दिया हुआ है लेकिन अभी तक मंजूरी नहीं मिली है। उसने कहा कि वह जल्द से जल्द बनवाने का प्रयास करेंगे।

शौचालय के लिए स्वाति की यह पहल गांव में अन्य महिलाओं के लिए अलख जगाने वाला साबित हुई। लगभग उन सभी घरों से आवाज आने लगी जहां शौचालय नहीं थे और बहुएं खुले में शौच जाती थीं। सभी ने जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों को पत्र लिखना शुरू कर दिया। सीमा नापित, रामकली, सुमन आदि ने पत्र लिखते हुए शौचालय नहीं होने का जिक्र करते हुए मायके जाने की बात कही है।

Created On :   12 Oct 2017 12:05 AM IST

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story