समितियों में यूरिया नहीं, डीएपी की भी किल्लत - खाद की कमी से किसान परेशान, पिछड़ रही खेती

No Urea in Committees, DAP also lacks - Farmers upset due to lack of fertilizer, lagging agriculture
 समितियों में यूरिया नहीं, डीएपी की भी किल्लत - खाद की कमी से किसान परेशान, पिछड़ रही खेती
 समितियों में यूरिया नहीं, डीएपी की भी किल्लत - खाद की कमी से किसान परेशान, पिछड़ रही खेती

डिजिटल डेस्क शहडोल । जिले के किसानों को खाद नहीं मिल रही है। किसान रोजाना सहकारी समितियों के चक्कर लगा रहे हैं। जिले में सहकारी व अन्य लायसेंसधारी समितियों के माध्यम से खाद की उपलब्धता बनाने के निर्देश हैं, लेकिन ज्यादातर समितियों में यूरिया नहीं है। डीएपी का भी टोटा है। इधर नियम विपरीत विपणन के गोदामों से सीधे खाद की बिक्री कराई जा रही है। किसानों का शहडोल संभाग में 100 की संख्या में सहकारी समितियां हैं। जहां पंजीकृत के अलावा बिना पंजीयन वाले किसानों को खाद बिक्री की जाती है। संभाग की 47 समितियों में वर्तमान में एक बोरी भी यूरिया नहीं हैं। विभागीय सूत्रों के अनुसार शहडोल जिले की 37 समितियों में से 13 में यूरिया व 5 में डीएपी नहीं है। वहीं अनूपपुर की 25 समितियोंं में 15 में यूरिया तथा 14 में डीएपी की कमी है। जबकि उमरिया की 35 समितियों में 20 में यूरिया का टोटा बना हुआ है। वितरण केेंद्र ब्यौहारी, जयसिहनगर, गोहपारू, कोतमा, राजेंद्रग्राम, अनूपपुर, उमरिया तथा मानपुर में यूरिया का स्टाक नहीं बचा है।
गोदामों से हो रही बिक्री
खाद आपूर्ति की जिम्मेदारी विपणन संघ (मार्फेड) की है। विभाग का दावा है कि उसके नरसरहा, बुढ़ार, जयसिंहनगर, गोहपारू तथा ब्यौहारी के गोदामों में खाद का स्टाक है। इसके बाद भी समितियों में खाद की कमी होने को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं। क्योंकि इन गोदामों से सीधे बिक्री कराई जा रही है। विभाग के डबल लॉक गोदामों से खाद का उठाव कर डिमांड के आधार पर सहकारी समितियों के माध्यम से किसानों को बिक्री करने का नियम है, लेकिन ऐसा नहीं किया जा रहा है। गोदामों से बिक्री उन्हीं हालातों में किया जाना चाहिए जब सहकारी व विपणन समितियों तथा अन्य लायसेंसधारी समितियों में आपूर्ति के बाद स्टॉक बचता हो। लेकिन विभाग द्वारा सीधे बिक्री कर आरओ कटने के बाद भी समितियों को खाद विक्रय के लिए उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है।
इनका कहना है
डीएपी की आवक बनी हुई है, गोदामों में पर्याप्त स्टाक है। रैक लगते ही यूरिया कुछ दिनों में आ जाएगा। गोदामों से उन किसानों को खाद दी जा रही है, जो जरूरतमंद व पंजीकृत नहीं है।
अमित गुप्ता, डीएमओ मार्फेड
 

Created On :   21 July 2020 6:01 PM IST

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