विश्वविद्यालय अंतिम वर्ष परीक्षा कराना संभव नही, सामंत ने कहा सीएम, पीएम  और गृहमंत्री से करेंगे बात 

Not possible to conduct final year examination of University - Samant
विश्वविद्यालय अंतिम वर्ष परीक्षा कराना संभव नही, सामंत ने कहा सीएम, पीएम  और गृहमंत्री से करेंगे बात 
विश्वविद्यालय अंतिम वर्ष परीक्षा कराना संभव नही, सामंत ने कहा सीएम, पीएम  और गृहमंत्री से करेंगे बात 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश के उच्च व तकनीकी शिक्षा मंत्री उदय सामंत ने कहा कि कोरोना संकट के चलते विश्वविद्यालयों के अंतिम वर्ष की अंतिम सेमेस्टर की परीक्षाएं सितंबर महीने में लेना संभव नहीं है। सामंत ने कहा कि मैं मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से परीक्षाओं के संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अथवा केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से बात करने के लिए आग्रह करूंगा। सामंत ने कहा कि मैंने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) को परीक्षाएं नहीं ले सकने को लेकर पत्र लिखा है। हमें यूजीसी के जवाब का इंतजार है। सामंत ने कहा कि राज्य के 13 विश्वविद्यालयों के कुलपतियों और राज्य समिति के सिफारिशों के आधार पर ही सरकार ने विद्यार्थियों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए परीक्षाएं नहीं लेने का फैसला किया है। इस पर सरकार अब भी कायम है। 

सामंत ने कहा कि विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की समिति ने अंतिम वर्ष के एटीकेटी के विद्यार्थियों को औसत अंकों के आधार पर पास करने के लिए सिफारिश की है। यदि औसत अंक के आधार पर भी विद्यार्थी पास नहीं होते हैं तो उन्हें विश्वविद्यालय के अंतर्गत ग्रेस मार्क देकर पास करने की सिफारिश की गई है। इन सिफारिशों के आधार पर सरकार फैसला लेगी। सामंत ने कहा कि कुलपतियों ने कहा है कि राज्य में ऑनलाइन परीक्षाएं नहीं ली जा सकती है। कुलपतियों ने राज्य में विद्यार्थियों की ऐच्छिक परीक्षा लेने के बजाय सभी छात्रों को डिग्री देने को कहा है। इसके बाद कोरोना संकट दूर होने के बाद अगर कोई विद्यार्थी परीक्षाएं देना चाहता हैं, तो उन्हें नियमित रूप से प्रदान की जाने वाली डिग्री दी जाएगी। सामंत ने कहा कि यदि दिसंबर या जनवरी महीने में कोरोना की स्थिति में सुधार होता है और राज्य के सभी 8.50 लाख विद्यार्थी परीक्षाएं देना चाहेंगे तो सरकार उसके लिए भी तैयार है। लेकिन परीक्षाएं देना है अथवा नहीं देना है यह फैसला विद्यार्थियों को करना पड़ेगा। 

सामंत ने कहा कि कुछ लोग अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों को लेकर कोरोना बाधित शब्द का प्रयोग कर रहे है। लेकिन उन्हें समझना चाहिए कि कोरोना संकट मानव निर्मित नहीं है। सामंत ने कहा कि अगर यूजीसी ने पहले ही स्पष्ट कर दिया होता कि अंतिम सेमेस्टर की परीक्षाएं लेना अनिवार्य है तो राज्य सरकार परीक्षाएं रद्द करने का फैसला नहीं लेती। सामंत ने कहा कि ऐसी भयानक परिस्थिति में भी यूजीसी परीक्षाएं लेने के लिए कह रहा है तो यूजीसी को परीक्षा की प्रक्रिया कैसे पूरी करनी है यह भी स्पष्ट करना चाहिए। परीक्षाओं को लेकर राजनीति होने को लेकर सामंत ने कहा कि परदे के पीछे कौन राजनीति कर रहा है यह मालूम नहीं है। लेकिन मेरी भूमिका है कि विद्यार्थियों को लेकर राजनीति नहीं होनी चाहिए। 
 

Created On :   9 July 2020 8:13 PM IST

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