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वाहनों का फिटनेस प्रमाण पत्र मामला : परिवहन विभाग के प्रधान सचिव खिलाफ जारी होगा अवमानना नोटिस

डिजिटल डेस्क, मुंबई। वाहनों के फिटनेस प्रमाण जारी करने को लेकर अदालत की ओर से दिए दिए गए निर्देशों का पालन न होने से कोर्ट नाराज है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने परिवहन विभाग के प्रधान सचिव के खिलाफ न्यायालय की अवमानना का नोटिस जारी करने के संकेत दिए है।
जस्टिस अभय ओक व जस्टिस रियाज छागला की बेंच ने कहा कि हमने फरवरी 2016 में अपने फैसले में सरकार की जरुरत के हिसाब से परिवहन विभाग को सहायक इंस्पेक्टर व टेक्निकल अस्टिटेंट पद पर नियुक्ति के लिए निर्देश दिया था पर अब तक इन पदों पर नियुक्ति नहीं हो पायी है। यह अदालत के निर्देश की अवहेलना है।
इसके अलावा मामले से जुड़ी रिपोर्ट को देखने के बाद बेंच ने कहा कि जिन वाहनों के पास फिटनेस प्रमाणपत्र नहीं है वे भी सड़कों पर चल रहे है। क्या ऐसे वाहनों के खिलाफ कोई कार्रवाई की गई है? सरकारी वकील से संतोषजनक उत्तर न मिलने से नाराज बेंच ने कहा कि हम इस मामले को लेकर परिवहन विभाग के प्रधान सचिव के खिलाफ न्यायालय की अवमानना का नोटिस जारी करेंगे। अगले सोमवार को इस संबंध में आदेश जारी किया जाएगा।
सुनवाई के दौरान सरकारी वकील अभिनंदन व्याग्यानी ने कहा कि इस विषय पर नागपुर बेंच में जारी मुकदमेबाजी के चलते सभी पदों को नहीं भरा जा सका है। इसके अलावा जो वाहन फिटनेस प्रमाणपत्र से जुड़े नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। हम उन्हें हिरासत में ले रहे हैं। इस संबंध में सामाजिक कार्यकर्ता श्रीकांत कर्वे ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है।
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डिजिटल डेस्क, जबलपुर। किसी के लिए भी प्रॉपर्टी खरीदना जीवन के महत्वपूर्ण कामों में से एक होता है। आप सारी जमा पूंजी और कर्ज लेकर अपने सपनों के घर को खरीदते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि इसमें इतनी ही सावधानी बरती जाय जिससे कि आपकी मेहनत की कमाई को कोई चट ना कर सके। प्रॉपर्टी की कोई भी डील करने से पहले पूरा रिसर्च वर्क होना चाहिए। हर कागजात को सावधानी से चेक करने के बाद ही डील पर आगे बढ़ना चाहिए। हालांकि कई बार हमें मालूम नहीं होता कि सही और सटीक जानकारी कहा से मिलेगी। इसमें bhaskarproperty.com आपकी मदद कर सकता है।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।