शिक्षक दिवस समारोह का बहिष्कार करने वाले 1300 शिक्षकों को नोटिस

Notice to 1300 teachers who boycott Teachers Day celebrations
शिक्षक दिवस समारोह का बहिष्कार करने वाले 1300 शिक्षकों को नोटिस
शिक्षक दिवस समारोह का बहिष्कार करने वाले 1300 शिक्षकों को नोटिस

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शिक्षक दिवस कार्यक्रम का बहिष्कार करने का खामियाजा शिक्षकों को 6 माह भुगतना पड़ रहा है। मनपा के लगभग 1300 शिक्षकों के सर्विस रिकार्ड (सेवा पुस्तिका) पर खतरा मंडरा रहा है। सुरेश भट सभागृह में सितंबर 2018 में आयोजित मनपा के शिक्षक दिवस कार्यक्रम का शिक्षकों द्वारा बहिष्कार करने का असर 6 महीने बाद दिखाई दे रहा है। प्रशासकीय कार्यक्रम के बहिष्कार का उल्लेख इन सभी शिक्षकों के सर्विस रिकार्ड में किया गया है। इससे शिक्षक भविष्य में मिलने वाले प्रमोशन व अन्य लाभों से वंचित हो सकते हैं। इस संबंध में सभी शिक्षकों को नोटिस जारी कर इसकी सूचना दी गई है। हालांकि 6 माह बाद की गई इस कार्रवाई पर अब सवाल उठ रहे हैं। इसके पीछे बड़ी कंट्रोवर्सी बताई जा रही है। 

खाली था सुरेश भट सभागृह
गौरतलब है कि 4, 5, 6 सितंबर 2018 को शिक्षक आघाड़ी के नेतृत्व में लगभग 1300 शिक्षकों ने संविधान चौक पर विविध मांगों को लेकर श्रृंखलाबद्ध आंदोलन किया था। मनपा ने 5 सितंबर को सुरेश भट सभागृह में शिक्षक दिवस का आयोजन किया था। इस मौके पर 5 शिक्षकों को आदर्श शिक्षक और 80 सेवानिवृत्त शिक्षकों को सम्मानित किया जाना था, लेकिन शिक्षकों ने मनपा के कार्यक्रम का बहिष्कार किया था। सुबह सभी शिक्षक अपने-अपने स्कूलों में शिक्षक दिवस मनाकर सीधे आंदोलन स्थल पर पहुंच गए थे। ऐसे में सुरेश भट सभागृह पूरा खाली पड़ा था। इसके बाद सभी शिक्षकों को नोटिस जारी किया गया था। सभी शिक्षकों ने इसका जवाब भी दिया था, जिसके बाद सारा मामला ठंडा पड़ गया।

हार का सामना करना पड़ा
हाल ही में मनपा शिक्षक संगठन के चुनाव हुए हैं, जिसमें मनपा सत्तापक्ष समर्थित लोकक्रांति पैनल बुरी तरह से पराजित हुआ है। अध्यक्ष पद सहित सभी उम्मीदवारों को हार का सामना करना पड़ा है। राजेश गवरे के  शिक्षक आघाड़ी को बड़ी जीत मिली है। यह जीत सत्तापक्ष समर्थित पैनल के लिए बड़ा झटका साबित हुई। इसका असर पिछले दिनों मनपा में प्रशासन द्वारा बुलाई गई बैठक के बाद भी दिखा। बैठक के बाद लोकक्रांति पैनल के कुछ पदाधिकारी, शिक्षक आघाड़ी के पदाधिकारियों से भिड़ गए थे। उन्हें देखने की धमकी मिली थी। इसके बाद शिक्षक आघाड़ी के नेतृत्व में सितंबर में किए गए आंदोलन में शामिल सभी 1300 शिक्षकों के सर्विस रिकार्ड में इसका उल्लेख कर उन्हें भविष्य के लाभों से वंचित करने की तैयारी शुरू हो गई है। नागपुर मनपा कर्मचारी-शिक्षक संगठन समन्वय समिति ने इस कार्रवाई का तीव्र विरोध करते हुए आयुक्त से तुरंत यह कार्रवाई वापस लेने की मांग की है, अन्यथा 1 मार्च को शिक्षकों द्वारा सामूहिक मुंडन व धरना आंदोलन करने की चेतावनी दी है।

बदले की भावना से कार्रवाई
शिक्षक दिवस कार्यक्रम को 6 महीने से अधिक समय हो गया है। उसी समय नोटिस का जवाब दे दिया गया था, जिसके बाद मामला टल गया था। किन्तु शिक्षक संघ के चुनाव में लोकक्रांति पैनल को मिली हार के बाद यह कार्रवाई होना, टाइमिंग पर सवाल खड़े करती है। हमने आयुक्त को निवेदन देकर इस कार्रवाई को तुरंत वापस लेने की मांग की है, अन्यथा 1 मार्च को शिक्षक सामूहिक मुंडन व धरना आंदोलन करेंगे। 
- राजेश गवरे, अध्यक्ष, मनपा शिक्षक संघ 

स्कूलों में घूमकर दी गई थी धमकी

फरवरी की शुरुआत में मनपा शिक्षक संघ के चुनाव हुए। शिक्षक आघाड़ी और लोकक्रांति पैनल दोनों आमने-सामने थे। दावा किया गया कि लोकक्रांति पैनल को सत्तापक्ष के पदाधिकारियों का समर्थन हासिल था। आरोप है कि पैनल के कुछ पदाधिकारियों ने स्कूलों में घूमकर शिक्षकों को धमकाया था कि अगर लोकक्रांति पैनल हारता है, तो इसके परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। चुनाव में लोकक्रांति पैनल को बुरी तरह हार झेलनी पड़ी। इसका असर पहले 19 फरवरी को मनपा में आयोजित बैठक में देखने को मिला, जहां बाहर हरियाली पर शिक्षकों के दोनों गुट आपस में भिड़ गए। अब शिक्षकों के सर्विस रिकार्ड में प्रशासकीय कार्यक्रम का उल्लेख करने से सभी 1300 शिक्षकों में हड़कंप मच गया है। इसे बदले की भावना और जानबूझ कर की गई कार्रवाई होने का आरोप लगाया जा रहा है। 

Created On :   23 Feb 2019 8:03 AM GMT

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