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अब नीलगाय-बंदर के हमले में मौत होने पर परिजन को मिलेगे 15 लाख

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश में वन्य प्राणी नीलगाय और बंदर के हमले में मृत हुए व्यक्ति के परिजनों को अब 15 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी। जबकि नीलगाय और बंदर के हमले से जख्मी व्यक्ति को एक लाख 25 हजार रुपए की आर्थिक मदद मिलेगी। गुरुवार को प्रदेश के वन मंत्री संजय राठोड ने यह जानकारी दी। राठोड ने कहा कि सरकार के वन विभाग की ओर से इस संबंध में जल्द ही शासनादेश जारी किया जाएगा।
राठोड ने कहा कि नीलगाय और बंदर के हमले में मौत होने पर व्यक्ति के परिजनों को 15 लाख रुपए की मदद सरकार की ओर से की जाएगी। इसमें से 3 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी। जबकि बाकी 12 लाख रुपए परिजनों के राष्ट्रीयकृत बैंक में हर महीने ब्याज देने वाले संयुक्त खाते में जमा कराई जाएगी। राठोड ने कहा कि नीलगाय और बंदर के हमले में जख्मी व्यक्तियों को 1 लाख 25 हजार रुपए की मदद दी जाएगी। जबकि मामूली जख्मियों के इलाज का खर्च सरकार देगी। लेकिन निजी अस्पातल में इलाज कराने की स्थिति में प्रति व्यक्ति 20 हजार रुपए तक की सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।
वहीं स्थायी रूप से विकलांगता आने पर व्यक्ति को 5 लाख रुपए दिए जाएंगे। राठोड ने कहा कि वाघ, हाथी, मगर, जंगली सूअर जैसे वन्य प्राणियों के हमले में आर्थिक सहायता दी जाती थी लेकिन अब इसमें नीलगाय और बंदर के हमले में मृत और जख्मी हुए व्यक्ति को मदद देने का फैसला किया गया है।
गुटखा बेचने वालों के खिलाफ मकोका के तहत होगी कार्रवाई- देशमुख
इसके अलावा प्रदेश की महाविकास आघाडी सरकार ने गुटखा मुक्त महाराष्ट्र बनाने के लिए कमर कस ली है। राज्य में गुटखा का भंडारण और परिवहन करने वालों के खिलाफ मकोका कानून के तहत कार्रवाई होगी। गुरुवार को प्रदेश के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने यह जानकारी दी। मंत्रालय में पत्रकारों से बातचीत में देशमुख ने कहा कि गुटखा बिक्री और बनाने वालों के खिलाफ मकोका के खिलाफ मकोका लागू किया जाएगा। देशमुख ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस-राकांपा की आघाडी सरकार ने गुटखा पर पाबंदी लगाने का फैसला किया था। लेकिन भाजपा सरकार के समय गुटखा पाबंदी के फैसले को प्रभावी रूप से लागू करने के संबंध में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया था। इस कारण पिछले कुछ सालों में अवैध तरीके से गुटखा बेचने वालों का मनोबल बढ़ गया था। लेकिन अब सरकार ने गुटखा बेचने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का फैसला किया है। इसी बीच देशमुख ने कहा कि राज्य में महिला अत्याचार के बढ़ते मामले चिंताजनक है। पनवेल महिला की संदिग्ध मौत के मामले में देशमुख ने कहा कि पुलिस की जांच के मुताबिक महिला की मौत फांसी लगाने के कारण हुई है। लेकिन इस मामले की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आएगी। इसके बाद ही मौत के कारणों की सही जानकारी मिल सकेगी।
Created On :   6 Feb 2020 7:55 PM IST