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अब घर बैठे मिल सकेगा लर्निंग लाइसेंस, ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे डीलर
डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश में वाहन चलाने के लिए अब घर बैठे ऑनलाइन लर्निंग लाइसेंस मिल सकेगा। लर्निंग लाईसेंस के लिए अब क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) में जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसके साथ ही वाहन डीलर मोटर साइकिल और कार का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे। सोमवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सारथी 4.0 अद्यतन प्रणाली के तहत आधार क्रमांक से संलग्न ऑनलाइन लर्निंग लाईलेंस और वाहन रजिस्ट्रेशन के ऑनलइन प्रणाली का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि लर्निंग लाईलेंस और नए निजी मोटरसाइकिल और चार पहिया वाहनों का रजिस्ट्रेशन वितरकों के माध्यम से ऑनलाइन सुविधा प्रदान कर परिवहन विभाग ने जनहित का एक महत्वाकांक्षी कदम उठाया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भविष्य में सरकारी विभागों की अधिक से अधिक सुविधाएं ऑनलाइन उपलब्ध कराने के लिए ई गवर्नेंस आधारित नई कार्यपद्धति अपनाई जाए।
दलालों से मिलेगा छूटकारा- परब
प्रदेश के परिवहन मंत्री अनिल परब ने कहा कि लर्निंग लाईसेंस के लिए लोगों को आरटीओ तक जाना पड़ता था। लर्निंग लाईसेंस दिलाने के नाम पर कुछ लोगों को दलाल अपने चंगुल में फंसा लेते थे। कुछ लोगों को लर्निंग लाइसेंस मिल पाता था कई लोग इससे वंचित रह जाते थे। लर्निंग लाईसेंस के लिए लोगों को चार से पांच महीने तक प्रतिक्षा करनी पड़ रही थी। पर अब ऑनलाइन सुविधा से लर्निंग लाईसेंस हासिल करने में आसानी हो सकेगी। परब ने बताया कि परिवहन विभाग की ओर से जनहित की 85 सेवाएं ऑनलाइन उपलब्ध कराई जा रही हैं।
वाहन जांच के लिए आरटीओ में जाने की आवश्यकता नहीं- सिंह
राज्य के परिवहन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आशीष कुमार सिंह ने कहा कि लर्निंग लाईसेंस के लिए अब आरटीओ में जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। उन्होंने कहा कि नए वाहनों के पंजीयन के लिए पहले वाहनों की जांच मोटर वाहन निरीक्षक के माध्यम से की जाती थी। अब वाहन जांच की आवश्यकता को खत्म कर दिया गया है। अब नए वाहनों का वितरक के स्तर पर तत्काल पंजीयन हो सकेगा। वाहन वितरकों के माध्यम से सभी कागजात डीएससी (डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट) का उपयोग कर ई-हस्ताक्षर पद्धति से तैयार किया जाएगा। इससे आरटीओ में वाहन और कागजात जमा कराने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। वाहन वितरकों की ओर से टैक्स और शुल्क भरने पर वाहन क्रमांक जारी होगा।
100 करोड़ रुपए की बचत
सिंह ने बताया कि हर साल राज्य में लगभग 15 लाख से अधिक लर्निंग लाईसेंस उपलब्ध कराए जाते हैं। जबकि 20 लाख से अधिक नए वाहनों का रजिस्ट्रेशन होता है। इस काम के लिए नागरिकों का लगभग 100 करोड़ रुपए खर्च करना होता है। पर अब दोनों सेवाएं ऑनलाइन उपलब्ध होने से खर्च और समय की बचत होगी। यह दोनों काम करने वाले लगभग 200 अधिकारियों का उपयोग विभाग के दूसरे कामों का दर्जा बढ़ाने के लिए किया जा सकेगा। सिंह ने कहा कि कोरोना काल में परिवहन विभाग ऑनलाइन संस्कृति को विकसित करने का प्रयास कर रहा है। जबकि परिवहन आयुक्त अविनाश ढाकणे ने कहा कि ऑनलाइन के जरिए जितनी सुविधाएं उपलब्ध कराना संभव होगा वह अगले दो महीने में प्रदान करा दी जाएंगी।
Created On :   14 Jun 2021 7:28 PM IST