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फसल प्रतियोगिता : अब दिखानी होगी केवल एक साल की फसल

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश में किसानों के लिए खाद्यान्न, दलहन और तिलहन फसल प्रतियोगिता के लिए तीन साल की अवधि को घटाकर एक साल कर दिया गया है। सोमवार को राज्य सरकार के कृषि विभाग ने इस संबंध में शासनादेश जारी किया है। इसके अनुसार फिलहाल सरकार की राज्य फसल प्रतियोगिता योजना में हिस्सा लेने वाले किसानों को पुरस्कार प्राप्त करने के लिए अपने खेतों में लगातार तीन साल तक फसलों को उगाना पड़ता था, लेकिन हर साल प्राकृतिक आपदा आने के कारण उत्पादन में गिरावट होने से किसानों की उम्मीदों पर पानी फिर जाता है। इसलिए सरकार ने साल 2020-21 की रबी फसल सीजन से फसल प्रतियोगिता के मापदंड बदलने का फैसला किया है। इससे फसल प्रतियोगिता में शामिल होने वाले किसानों की साल भर के फसलों के उत्पादन के आधार पर पुरस्कार दिया जाएगा। राज्य में तहसील, जिला, विभाग और प्रदेश स्तर पर फसल प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी। तहसील स्तर की प्रतियोगिता के लिए प्रथम पुरस्कार 5 हजार से लेकर जिला स्तरीय प्रतियोगिता के लिए किसानों को 50 हजार रुपए तक का पुरस्कार मिल सकेगा। किसानों को प्रथम, द्वितीय और तृतीय तीन श्रेणी में पुरस्कार राशि दी जाएगी।
फसल प्रतियोगिता के लिए खरीफ सीजन में धान, बाजरा, मक्का, रागी, तुअर, मूंग, उड़द, सोयाबीन, सूर्यफुल, मूंगफली की फसल को शामिल किया गया है। जबकि रबी सीजन के लिए गेहूं, ज्वार, चना, कुसुम, अलसी और तिल की फसल को शामिल रहेंगी। राज्य में जिन किसानों के नाम पर खेत है और वे खुद ही बुवाई करते हैं ऐसे सभी किसान फसल प्रतियोगिता में हिस्सा ले सकेंगे। किसान एक समय में एक से ज्यादा फसलों के लिए प्रतियोगिता में भाग ले सकेंगे। प्रतियोगिता के लिए सामान्य समूह और आदिवासी समूह को फसलवार 300 रुपए जमा करना होगा। तहसील स्तर के आयोजन के लिए सामान्य समूह के लिए कम से कम 10 टीम और आदिवासी समूह के लिए कम से 5 टीम बनानी होगी।
Created On :   5 Oct 2020 8:38 PM IST