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इस बार प्रत्याशियों की संख्या में आई गिरावट, जानिए क्या है मुख्य कारण

डिजिटल डेस्क, मुंबई। पिछले दो विधानसभा चुनावों की तुलना में इस बार उम्मीवारों की संख्या में काफी कमी आई है। इस साल चौदहवीं विधानसभा में पहुंचने ले लिए 3 हजार 239 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। जबकि बीते विधानसभा चुनावों में कुल 4 हजार 119 उम्मीदवार चुनावी अखाड़े में उतरे थे। विधानसभा चुनावों के लिए नामांकन वापस लेने की अंतिम तारीख 7 अक्टूबर थी। तब तक कुल 1 हजार 504 उम्मीदवारों ने अपना नामांकन वापस ले लिया। अब राज्य की कुल 288 विधानसभा सीटों के लिए कुल 3 हजार 239 उम्मीदवार मैदान में बचे हुए हैं। साल 2014 के विधानसभा चुनावों की तुलना में इस बार मैदान में 880 उम्मीदवार कम हैं। उम्मीदवारों की संख्या में कमी की एक बड़ी वजह यह है कि इस बार शिवसेना-भाजपा और कांग्रेस-राकांपा ने गठबंधन कर लिया है। युति के उम्मीदवार सभी 288 सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं। दूसरी ओर कांग्रेस ने 146 और राकांपा ने 117 सीटों पर उम्मीदवार उतारें हैं। वंचित आघाड़ी ने भी 242 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए हैं मनसे भी 104 सीटों पर किस्मत आजमा रही है।
आर्थिक मंदी से चंदा का धंधा मंदा
आर्थिक मंदी भी उम्मीदवारों की कमी की एक वजह बताई जा रही है। चुनाव लड़ने के लिए भले ही उम्मीदवारों के लिए अधिकतम खर्च की सीमा 28 लाख रुपए ही हैं लेकिन वास्तव में उम्मीदवारों को इससे काफी ज्यादा रकम खर्च करनी पड़ती है। मंदी के चलते चंदा नहीं मिलने से भी कई उम्मीदवारों ने पैर पीछे खींच लिए हैं।
कब कितने उम्मीदवार
साल कुल उम्मीदवार
1999 2006
2004 2678
2009 3559
2014 4119
2019 3239
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Real Estate: खरीदना चाहते हैं अपने सपनों का घर तो रखे इन बातों का ध्यान, भास्कर प्रॉपर्टी करेगा मदद

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। किसी के लिए भी प्रॉपर्टी खरीदना जीवन के महत्वपूर्ण कामों में से एक होता है। आप सारी जमा पूंजी और कर्ज लेकर अपने सपनों के घर को खरीदते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि इसमें इतनी ही सावधानी बरती जाय जिससे कि आपकी मेहनत की कमाई को कोई चट ना कर सके। प्रॉपर्टी की कोई भी डील करने से पहले पूरा रिसर्च वर्क होना चाहिए। हर कागजात को सावधानी से चेक करने के बाद ही डील पर आगे बढ़ना चाहिए। हालांकि कई बार हमें मालूम नहीं होता कि सही और सटीक जानकारी कहा से मिलेगी। इसमें bhaskarproperty.com आपकी मदद कर सकता है।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।