नागपुर में 15 और पॉजिटिव- मरीजों की संख्या 298

Number of corona patients reached 295 in Nagpur, 12 new positive patients found
नागपुर में 15 और पॉजिटिव- मरीजों की संख्या 298
नागपुर में 15 और पॉजिटिव- मरीजों की संख्या 298

डिजिटल डेस्क, नागपुर। अमरावती के परसापुर से उपचार के लिए मेडिकल लाए गए कैंसर मरीज की मौत के बाद हुई कोरोना जांच पॉजिटिव आई है। इसके साथ ही नागपुर में कोरोना के कारण मौत का आंकड़ा बढ़कर 4 हो गया है। रविवार को 15 रिपोर्ट पॉजिटिव आने के साथ कोरोना मरीजों की संख्या बढ़कर 298 हो गई है। जिला सूचना कार्यालय ने इसकी पुष्टि की है। इसके साथ ही मेयो से सात कोरोना मरीज डिस्चार्ज किए गए हैं। सोमवार को मिले 2  कोरोना पाजिटव मोमिनपुरा निवासी हैं।

कैंसर मरीज निकला कोरोना पॉजिटिव

अमरावती जिले के अचलपुर तहसील के परसापुर के कैंसर मरीज(41) को उपचार के लिए शनिवार को मेडिकल लाया गया था। जीएमसीएच के मेडिकल सुपरिटेंडेंट के अनुसार अस्पताल पहुंचने के पहले ही मरीज की उसकी मौत हो चुकी थी। गाइडलाइन के अनुसार कोरोना जांच के लिए मृत मरीज को सैंपल लिया गया जिसकी रिपोर्ट रविवार को पॉजिटिव आई है। मृतक पिछले छह दिन से सांस लेने में परेशानी और कफ से पीड़ित था।

बढ़ रही है मोमिनपुरा के मरीजों की संख्या

शहर में 12 और मरीज पॉजिटिव आए हैं। इसके साथ ही नागपुर में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़कर 295 हो गया है। रविवार को पॉजिटिव मिले 12 मरीजों में 10 माेमिनपुरा के हैं जबकि एक की अब तक पहचान नहीं हो सकी है। पॉजिटिव मिले 12 नमूनों में 7 मेडिकल में, 3 माफसू में  दो की जांच एम्स में हुई है। मेडिकल की लैब में पॉजिटिव आए सातों सैंपल मोमिनपुरा के लोगों के हैं। इनमें नौ वर्षीय बालक, 30, 20, 22 वर्षीय पुरुष और 18, 38 और 30 वर्षीय महिला मरीज हैं। सभी वनामती में क्वारंटाइन थे। पिछले दिनों मनपा की ओर से मोमिनपुरा के लगभग 1400 लोगों को शहर के विभिन्न क्वारंटाइन सेंटर्स में भेजा गया है और उनकी जांच जारी है। पिछले तीन दिनों में मोमिनपुरा के 89 लोगों की कोरोना जांच पॉजिटिव आ चुकी है।

नए इलाके में पहुंचा कोरोना

मेडिकल में भर्ती संबंधी गंभीर रूप से बीमार मानेवाड़ा स्थित जवाहर नगर के 51 वर्षीय मरीज की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के कारण शहर के और इलाके में कोरोना फैलने का खतरा मंडराने लगा है। अजनी स्थित पार्वती नगर के मरीजों की संख्या भी बढ़कर तीन हो गई है। पार्वती नगर के 22 वर्षीय युवक की मौत के बाद रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद वहां के 341 लोगों को क्वारंटाइन किया गया है। इनमें से दो की रिपोर्ट शनिवार को पॉजिटिव मिली है। हालांकि मृतक के चाचा समेत क्वारंटाइन किए गए 11 पुलिस कर्मियों की रिपोर्ट निगेटिव है।  

मेयो से सात डिस्चार्ज

मेयो से रविवार को कुल सात मरीज डिस्चार्ज किए गए हैं। इनमें पांच महिलाएं व दो पुरुष मरीज हैं। डिस्चार्ज हुए मरीजों में 4 सतरंजीपुरा, 2 मोमिनपुरा और एक शांतिनगर का है।

कोविड 19 सेंटर में चार संदिग्ध भर्ती

मेडिकल में ट्रॉमा केयर सेंटर में शुरू किए गए कोविड 19 सेंटर में रविवार को चार संदिग्ध मरीज भर्ती हुए हैं। सभी मरीज सांस संबंधी गंभीर परेशानी की शिकायत के बाद भर्ती किए गए हैं। इनमें मप्र के छिदवाड़ा स्थित दुर्गावती नगर की 28 वर्षीय महिला, वाड़ी का 36 वर्षीय पुरुष, आशीर्वाद नगर का 33 वर्षीय पुरुष और पार्वतीनगर का 33 वर्षीय पुरुष शामिल है। उल्लेखनीय है कि सांस संबंधी गंभीर परेशानी के कारण कोविड 19 सेंटर में भर्ती कुछ मरीजों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आ चुकी है। 

क्वारंटाइन किए गए अपने ही स्टाफ को सुविधा नहीं दे पा रहा मेडिकल

उधर सभी लोग अस्पतालों के  भरोसे ही हैं, लेकिन अस्पताल प्रशासन क्वारंटाइन किए गए शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पताल (मेडिकल) स्टाफ के लोगों का ध्यान नहीं रख पा रहा है। यहां पर रखे गए लोगों को चाय, नाश्ता तो छोड़िए  खाना भी सही नहीं मिल रहा है। यहां तक कि पानी में भी कचरा रहता है। स्टाफ के लोगों ने शिकायत की, तो डॉक्टर ने  पुलिस को बुलाने की धमकी दे दी। अब यह लोग अपनी व्यथा किसी को नहीं बता पा रहे हैं। इस बीमारी में सभी लोग अस्पतालाें पर आश्रित हैं। डॉक्टर को भगवान मान रहे हैं। जबकि अस्पताल प्रशासन द्वारा अपने लोगों की इस तरह की अनदेखी कर रहा है। इससे बाहरी लोगों की व्यवस्था पर संदेह खड़ा होता है। अस्पताल में स्टाफ अपने परिवार और सब कुछ छोड़ संक्रमण के बीच जाकर ड्यूटी कर रहा है, लेकिन अस्पताल प्रशासन ऐसे समय में अपने लोगों का ध्यान नहीं रख पा रहा है। क्वारंटाइन किए गए बुजुर्ग ने बताया कि वह 60 साल के हैं कुछ महीनों में उनका रिटायरमेंट होने वाला है। हम पेइंग वार्ड में हैं। मेरे साथ चार साथी और मेडिकल में काम करते हैं। इसमें एक स्वीपर, एक सिस्टर और बाकी अटेंडेंट हैं। सभी को चार दिन से क्वारंटाइन किया गया है। जिस दिन क्वारंटाइन किया है, उस दिन के बाद से कोई देखने तक नहीं आया। न खाना समय पर मिल रहा है न चाय-नाश्ता। पानी की कैन में कचरा था, तो उसे हमने धो कर दिया कि आप पानी दीजिए, तो उसमें भी कचरा निकल रहा है। हमारे साथ एक सिस्टर भी है। उनका परिवार है। वह भी यहां पर चार दिन से आई हुई है। हमें यह तक पता नहीं चल रहा है कि हमारे टेस्ट की रिपोर्ट क्या आई है।

स्वीपर ने बताया कि मैंने मृत्यु के बाद चादर बदला था और फिर घर चला गया, इसके बाद आसपास के लोगों ने पुलिस को फोन लगाया और मुझे गुरुवार रात को ही 10.30 बजे क्वारंटाइन किया गया। उस समय टेस्ट लेने के लिए आए थे। सबका टेस्ट ले लिया, मेरा टेस्ट नहीं लिया। मैंने बोला कि टेस्ट क्यों नहीं लिया, तो पुलिस बुलाने की धमकी दी। साथ ही मेरे विभाग के हेड ने भी मेरी मदद नहीं की। मैं यहां पर सात सालों से काम कर रहा हूं। मेरे साथी लोग गेट के बाहर आकर हमारा हालचाल पूछ रहे हैं।

अविनाश गावंडे, अधीक्षक, शासकीय मेडिकल अस्पताल ने बताया कि हमारे अस्पताल में ट्रीटमेंट सेंटर है, क्वारंटाइन सेंटर नहीं। उनका पूरा ध्यान रखा जा रहा है। हमारा और भी स्टाफ था, जिसे एमएलए होस्टल भेजा गया है। इन्हें भी बोला गया था कि आप जाना चाहते तो जा सकते हैं, लेकिन वह अपनी इच्छा से यहां पर रुके हुए हैं। एमएलए होस्टल में कैटरिंग का खाना है। हम कोशिश करेंगे अच्छा खाना देने की। एक लड़का था, जो भाग रहा था उसे बोला गया कि पुलिस बुलाएंगे। इसके बाद वह शांत हो गया।  

इलाके किए गए सील, बीमार भी हुए तो घर में ही रहना होगा

देखा जाए तो कोरोना योद्धा के पहली पंक्ति में खड़े पुलिस को सारा देश सैल्यूट कर रहा है, लेकिन इनकी जरा सी गलती से किसी की जान जा सकती है। पुलिस ने हंसापुरी, खदान, ज्योतिनगर, धोंडबा चौक, कार पार्किंग परिसर में रहने वाले लोगों को घरों में कैद कर दिया है। आलम यह है कि परिसर के क्लीनिक भी बंद हो गए हैं। परिसर का व्यक्ति बीमार होने पर डागा या मेयो अस्पताल भी नहीं पहुंच सकता। जीवनावश्यक सेवा से जुड़े लोगों का भी यहां से बाहर निकलना मुश्किल है। ज्योतिनगर, धोंडबा चौक, लाल इमली, तेली पुरा, हंसापुरी, खदान, कुंभारपुरा, नालसाहब, सेवासदन, कार पार्किंग व गीतांजलि चाैक एरिया इस तरह सील कर दिया कि यहां से कोई पैदल भी बाहर नहीं जा सकता।

पत्नी को दवा देने नहीं जाने दिया 

परिसर के विनोद गौर के पत्नी की मुलतानी अस्पताल में प्रसूति हुई। पत्नी को दवा देने जा रहे िवनोद को बैरंग लौटना पड़ा। पत्नी ने चाय मांगी, तो घर से चाय ले जाते हुए पुन: लालइमली चौक पर रोक दिया गया। कार पार्किंग पर स्वास्थ्य सेवा से जुड़ी इस एरिया की युवती को पुलिस ने रोक दिया। 
सिलेंडर नहीं मिल रहे : कार पार्किंग के पास एचपी गैस का आॅफिस है। गैस सिलेंडर की गाड़ी को भी नहीं आने दिया जा रहा है। 

डाक्टरों और बीमारों को रोकना तानाशाही 

एड. संजयकुमार  बालपांडे, भाजपा पार्षद के मुताबिक तीन दशक से क्लीनिक चला रहे डाक्टरों को परिसर में आने नहीं दिया जा रहा। स्वास्थ्य सेवा से जुड़ी परिसर की युवती काे घर पहुंचने के लिए हाथ जोड़ना पड़ा। डागा अस्पताल में कोई अपनी पत्नी को दवा देने नहीं जा सकता। इस एरिया के करीब 20 हजार लोग पूरी तरह कैद हो गए हैं। इनका स्वास्थ्य भगवान भरोसे हो गया है। उपचार या दवा लेने जाने नहीं देना यह तानाशाही नहीं तो क्या है। पुलिस ने मानवीय पहलुआें को देखकर काम करना चाहिए। 

गोलीबार चौक से आओ

तहसील के थानेदार जयेश भांडारकर ने सेवासदन, ज्योतिनगर, खदान, हंसापुरी, धोंडबा चौक, कार पार्किंग एरिया में गोलीबार चौक से आने का अजीबोगरीब तर्क दिया, जबकि इस एरिया का गोलीबार चौक से कोई संबंध नहीं है। नागपुर लाइव सिटी पर शिकायत करने की सलाह दी। रोगी कैसे बाहर निकलेगा, इस पर जवाब दिया एरिया सील है। 

 

Created On :   10 May 2020 1:36 PM GMT

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