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एम्पिरिकल डाटा जुटाने के लिए तैयार हुई आघाड़ी सरकार, सर्वदलीय बैठक में हुआ फैसला
डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश के अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के राजनीतिक आरक्षण बहाली के लिए केंद्र सरकार से लगातार एम्पिरिकल डाटा मांगने वाली महाविकास आघाड़ी सरकार आखिरकार राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के जरिए ओबीसी का आंकड़ा जुटाने के लिए तैयार हो गई है। प्रदेश सरकार ओबीसी का एम्पिरिकल डाटा (अनुभवजन्य आंकड़ा) जुटाने के लिए राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग को निर्देश देगी। यदि पिछड़ा वर्ग आयोग से एम्पिरिकल डाटा की रिपोर्ट मिलने में देरी हुई तो स्थानीय निकायों के प्रस्तावित आगामी चुनावों को कुछ समय के लिए टाल दिया जाएगा। शुक्रवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक में यह आम सहमति से यह फैसला लिया गया। राज्य अतिथिगृह सह्याद्री में ओबीसी के राजनीतिक आरक्षण बहाली को लेकर राज्य के कई मंत्री और विपक्ष के नेता मौजूद थे। इस बैठक में एम्पिरिकल डाटा तैयार करने के लिए राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग को निर्देश देने के संबंध में सहमति बनी। साथ ही इस बारे में राज्य के महाधिवक्ता आशुतोष कुंभकोणी से सुझाव मांगे जाएंगे। राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की ओर से रिपोर्ट देने में देरी होने पर स्थानीय निकायों के चुनाव को टालने पर सहमति बनी है।
विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि सरकार ने आम सहमति से अभी जो फैसला लिया है वही फैसला यदि 13 दिसंबर 2019 को कर दिया होता तो सुप्रीम कोर्ट ओबीसी आरक्षण रद्द नहीं करता। फडणवीस ने कहा कि बैठक में राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के जरिए एम्पिरिकल डाटा जुटाने पर सहमति बनी है। हमें लगता है कि 3 से 4 महीने में ओबीसी का आंकड़ा जुटाया जा सकता है। इसके बाद अगले साल फरवरी महीने में चुनाव समय पर आयोजित किए जा सकते हैं। फिर भी हमने ओबीसी आरक्षण बहाली के बाद ही चुनाव कराने की मांग की है। फडणवीस ने कहा कि एम्पिरिकल डाटा मिलने के बाद ओबीसी की 85 प्रतिशत सीटें बहाल हो जाएंगी। पर 3 जिलों में ओबीसी की सीटें थोड़ी भी नहीं बचेंगी। इन जिलों में ओबीसी आरक्षण को कायम करने के लिए लिए मैंने सरकार को कई सुझाव दिए हैं।
Created On :   3 Sept 2021 8:57 PM IST