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सोशल मीडिया पर अश्लील वीडियो बना सांसदों-विधायकों और सेलिब्रिटीज को फांसते थे, तीन चढ़े पुलिस के हत्थे

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महिलाओं के नाम पर सोशल मीडिया पर फर्जी प्रोफाइल बनाकर सांसदों, विधायकों, नौकरशाहों, कारोबारियों और सेलिब्रिटीज को निशाना बनाने और उनसे जबरन वसूली करने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए मुंबई पुलिस की साइबर सेल ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपी महिला बनकर शिकार से नजदीकी बढ़ाते फिर वीडियो कॉल बहाने अश्लील क्लिप चलाकर पीड़ित का वीडियो बना लेते। इसके बाद वीडियो सार्वजनिक करने की धमकी देकर पैसों की मांग करते। आरोपियों ने ठगी के लिए 171 फर्जी फेसबुक और 5 टेलीग्राम चैनल बना रखे थे। आरोपी वाट्सएप का भी इस्तेमाल वीडियो कॉल और ठगी के लिए करते थे। आरोपियों से ठगी के लिए इस्तेमाल किए जा रहे 54 मोबाइल नंबरों और 58 बैंक खातों की भी जानकारी मिली है।
संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) मिलिंद भारंबे ने बताया कि आरोपियों द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे फर्जी सोशल मीडिया एकाउंट, पेमेंट ऐप बंद करा दिए गए हैं। भारंबे ने बताया कि इस बारे में दो हाईप्रोफाइल लोगों से शिकायत मिलने के बाद एफआईआर दर्ज कर जांच के लिए साइबर सेल की विशेष टीम बनाई गई थी। तकनीकी जानकारी के आधार पर हरियाणा, राजस्थान में छापेमारी कर आरोपियों पर शिकंजा कसा गया। छानबीन में पता चला कि आरोपियों ने ठगी के लिए बकायदा तकनीकी प्रशिक्षण हासिल कर रखा था। गिरोह के तार पश्चिम बंगाल, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में भी फैले हुए हैं। मामले में अभी कई और आरोपियों पर शिकंजा कसा जा सकता है।
कैसे होती थी ठगी
डीसीपी रश्मी करंदीकर ने बताया कि आरोपी पूजा शर्मा, नेहा शर्मा जैसे नामों से सुंदर महिलाओं की तस्वीर लगाकर सोशल मीडिया पर एकाउंट बनाते थे। इसके बाद आरोपी गूगल की मदद से ऐसे नामचीन लोगों के सोशल मीडिया एकाउंट खोजते थे जो यहां सक्रिय रहते हैं और जिनके परिवार और रिश्तेदार भी उनके सोशल मीडिया एकाउंट से जुड़े होते थे। इसके बाद उन्हें फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी जाती थी। रिक्वेस्ट स्वीकार होने पर लड़की की आवाज में बात कर नजदीकी बढ़ाई जाती और फिर वीडियो कॉल के दौरान अश्लील क्लिप चलाकर पीड़ित के साथ उसे रिकॉर्ड कर लिया जाता। फिर उसे जान पहचान के लोगों और रिश्तेदारों के भेजने की धमकी देकर पैसे मांगे जाते। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि अनजान लोगों से सोशल मीडिया पर दोस्ती करने से बचें, अनजान लोगों से चैट या वीडियो कॉल पर बात न करें। अगर कोई इस तरह से ब्लैकमेल करे तो इसकी सूचना तुरंत पुलिस को दें।
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डिजिटल डेस्क, जबलपुर। किसी के लिए भी प्रॉपर्टी खरीदना जीवन के महत्वपूर्ण कामों में से एक होता है। आप सारी जमा पूंजी और कर्ज लेकर अपने सपनों के घर को खरीदते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि इसमें इतनी ही सावधानी बरती जाय जिससे कि आपकी मेहनत की कमाई को कोई चट ना कर सके। प्रॉपर्टी की कोई भी डील करने से पहले पूरा रिसर्च वर्क होना चाहिए। हर कागजात को सावधानी से चेक करने के बाद ही डील पर आगे बढ़ना चाहिए। हालांकि कई बार हमें मालूम नहीं होता कि सही और सटीक जानकारी कहा से मिलेगी। इसमें bhaskarproperty.com आपकी मदद कर सकता है।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।