लिंगायत समाज के कुछ घटकों को ओबीसी में शामिल करने प्रस्ताव -  सीएम

Offer to include some components of Lingayat society in OBC - CM
लिंगायत समाज के कुछ घटकों को ओबीसी में शामिल करने प्रस्ताव -  सीएम
लिंगायत समाज के कुछ घटकों को ओबीसी में शामिल करने प्रस्ताव -  सीएम

डिजिटल डेस्क, मुंबई। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने लिंगायत समुदाय के हिंदू वीरशैव, हिंदू लिंगायतों और रेड्डी उपजातियों को अन्य पिछड़ा वर्ग में शामिल करने का प्रस्ताव राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के पास भेजने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि मंगलवेढा में जगदज्योति महात्मा बसवेश्वर स्मारक के मसौदे को जल्द ही मंजूरी दी जाएगी। सोमवार को राज्य अतिथिगृह सह्याद्री में मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में लिंगायत समाज की विभिन्न मांगों को लेकर बैठक हुई। इस मौके पर प्रदेश के अन्य पिछड़ा वर्ग, सामाजिक व आर्थिक पिछड़ा वर्ग व विशेष पिछड़ा प्रवर्ग मंत्री डॉ. संजय कुटे, प्रदेश के स्वास्थ्य राज्यमंत्री विजयकुमार देशमुख समेत विभिन्न जिलों के लिंगायत समाज के प्रतिनिधि मौजूद थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि लिंगायत रेड्डी, हिंदू लिंगायत और हिंदू वीरशैव तीनों लिंगायत समाज की उपजातियां हैं। इनका समावेश अन्य पिछड़ा वर्ग में करने के लिए राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के पास तुरंत प्रस्ताव भेजा जाए। उन्होंने कहा कि पिछड़ा वर्ग आयोग से इस प्रस्ताव पर जल्द फैसला लेने का अनुरोध किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि मंगलवेढा में महात्मा बसवेश्वर स्मारक बनाने के लिए जल्द ही उच्चाधिकार प्राप्त समिति मंजूरी देगी। इस दौरान मुख्यमंत्री ने किरात समाज का किरात की बजाय किरात/किराड के रूप में समावेश घुमंतु जनजाति प्रवर्ग में करने के लिए राज्य मंत्रिमंडल में प्रस्ताव पेश करने के निर्देश दिए। 

बीएड कॉलेज में कम्पोजिट पाठ्यक्रम शुरु करने कमेटी

वहीं प्रदेश के सरकारी और गैरसरकारी अनुदानित बी.एड कॉलेजों (अध्यापक महाविद्यालय) में कम्पोजिट पाठ्यक्रम शुरू करने की सिफारिश के लिए राज्य सरकार ने समिति गठित की है। यह समिति  पुणे स्थित राज्य के उच्च शिक्षा निदेशक धनराज माने की अध्यक्षता में बनाई गई है। सोमवार को सरकार के उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग की ओर से इस संबंध में शासनादेश जारी किया गया। इसके अनुसार यह समिति राष्ट्री य अध्यांपक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) के संशोधित मापदंड के अनुसार बीएड कॉलेजों में कम्पोजिट पाठ्यक्रम शुरू करने संबंधी संभावनाओं के बारे में अध्ययन करेगी। साथ ही समिति यह भी पता लगाएगी कि किस कम्पोजिट पाठ्यक्रम से रोजगार उपलब्ध हो सकेंगे, विद्यार्थियों के बीच किस पाठ्यक्रम की ज्यादा मांग है, कम्पोजिट पाठ्यक्रम के लिए दूसरे राज्यों में कि तरह के मॉडल का इस्तेमाल हो रहा है। सरकार का कहना है कि प्रदेश में बी.एड और एम.एड पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए अल्प प्रतिसाद होने के कारण महाविद्यालयों में बड़े पैमाने पर सीटें रिक्त हैं। इसलिए महाविद्यालयों में प्रचलित पाठ्यक्रम का पुनर्रचना करने, जिन महाविद्यालयों में लगातार सीटें रिक्त हैं उनको बंद करने की संभावनाओं के बारे में समिति को रिपोर्ट देनी होगी। समिति में सदस्य के रूप में नागपुर के एस के वानखेडे शिक्षणशास्त्र महाविद्यालय के सह प्राध्यापक डॉ. के एम वाठ, अमरावती के श्री शिवाजी शिक्षणशास्त्र महाविद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ. वनिता काले, अहमदनगर के श्रीरामपुर में स्थित स्वामी सहजानंद भारती शिक्षणशास्त्र महाविद्यालय के प्रधानाचार्य मुकुंद पोंधे और पनवेल के सरकारी अध्यापक महाविद्यालय की प्रधानाचार्य डॉ. रमा रमा भोसले समेत अन्य महाविद्यालयों के प्रधानाचार्य को शामिल किया गया है। समिति के सदस्य सचिव भंडारा के सरकारी महाविद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ.सुहास पाटील होंगे।

बडनेरा में 2 करोड़ की लागत से बनेगा पुस्तकालय

उधर अमरावती के बडनेरा में लोकशाहीर अण्णाभाऊ साठे की याद में अध्ययन कक्ष और वाचनालय बनाया जाएगा। इसके लिए राज्य सरकार ने 2 करोड़ रुपए की निधि मंजूर की है। सोमवार को प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता शिवराय कुलकर्णी ने यह जानकारी दी। इस बीच प्रदेश भाजपा कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में पार्टी के विधायक सुधाकर भालेराव ने कहा कि मुंबई के प्रभादेवी स्थित लेनिनग्राड चौक का नाम बदलकर लोकशाहीर अण्णाभाऊ साठे करने की मांग मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से की गई है। इसको लेकर मुख्यमंत्री सकारात्मक हैं। भालेराव ने कहा कि रशिया में साम्यवादी विचार खत्म होने के कारण लेनिनग्राड का महत्व ही खत्म हो गया है। इसलिए साठे की जन्मशताब्दी वर्ष के मौके पर प्रभादेवी के सयानी रोड स्थित लेनिनग्राड चौक का नामकरण अण्णाभाऊ साठे चौक किया जाना चाहिए। भालेराव ने कहा कि मुंबई के गिरणगांव में साठे का स्मारक बनाने की मांग भी मुख्यमंत्री से की गई है। भालेराव ने कहा कि साठे के जन्मशताब्दी महोत्सव के मौके पर प्रदेश में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इसके लिए राज्य सरकार की ओर से 100 करोड़ रुपए निधि दी गई है। 
 

Created On :   22 July 2019 9:42 PM IST

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