भ्रष्टाचार के 32 साल पुराने मामले में अधिकारी को सजा

Officer punished in 32 year old corruption case
भ्रष्टाचार के 32 साल पुराने मामले में अधिकारी को सजा
भ्रष्टाचार के 32 साल पुराने मामले में अधिकारी को सजा

डिजिटल डेस्क शहडोल । शासकीय राशि के गबन और आर्थिक अनियमितता के मामले में जिला ग्रामीण विकास अभिकरण की तत्कालीन परियोजना अधिकारी आरती अंबर को तीन वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई है। द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश ने आरोपी को अधीनस्थ न्यायालय द्वारा पूर्व में पारित निर्णय 3 वर्ष के सश्रम कारावास की पुष्टि करते हुए भादवि की धारा 467, 468 के अपराध का भी दोषी पाया है। इसमें 1-1 वर्ष के सश्रम कारावास तथा 10-10 हजार रुपए  के अर्थदंड, 468 भादवि के तहत 6-6 माह के सश्रम कारावास एवं 10-10 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया गया है।
   संभागीय जनसंपर्क अधिकारी (अभियोजन) नवीन कुमार वर्मा द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार 10 अप्रैल 1987 को आरक्षी केंन्द्र शहडोल में शिकायत दर्ज कराई गई थी कि परियोजना अधिकारी जिला ग्रामीण विकास अभिकरण शहडोल के पद पदस्थ रहते आरती अंबर द्वारा गंभीर अनियमितताएं की गई हैं। पांच भुगतान बाउचरों में हेराफेरी करते हुए कैश बुक में अधिक राशि इंद्राज कर खुद ले लिया। जिले के आठ विकासखंड के 57 महिला संगठनों से सबंधित संगठिकाओं को धोखा देते हुए संयुक्त बैंक खाते खोलकर तथा उनके चैक पर हस्ताक्षर कराकर 1,45,767 रुपए आहरित कर लिए। शिकायत के आधार पर थाना कोतवाली में आरोपी आरती अंबर के विरूद्ध अपराध क्रमांक 186/87 धारा 420, 409, 467, 468 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर किया गया था।
2013 में हुआ था तीन वर्ष का कारावास
आरोपी के विरुद्ध राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो द्वारा धारा 409, 467, 468 का अभियोगपत्र न्यायालय में पेश किया गया। विचार उपरांत अधीनस्थ न्यायालय द्वारा अपने पारित निर्णय दिनंाक 07/05/2013 में धारा 409 में अभियुक्ता  को 3 वर्ष  का कारावास एवं  10000 के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया था। धारा 467, 468  का अपराध प्रमाणित न पाए जाने पर दोषमुक्त किया गया था। अधीनस्थ न्यायालय द्वारा पारित धारा 467,468 भादवि में दोषमुक्त के निर्णय के विरुद्ध शासन की ओर से अभियोजन द्वारा सत्र न्यायालय शहडोल के समक्ष अपील प्रस्तुत की गई। उक्त अपील को न्यायालय द्वारा स्वीकार करते हुए आरोपी आरती अंबर पत्नी एएस अंबर (70) निवासी संजीवनी नगर गढ़ा जबलपुर को भादवि की धारा 467, 468 भादवि के अपराध का भी दोषी पाया। उक्त प्रकरण में शासन की ओर से विश्वजीत पटेल जिला लोक अभियोजन अधिकारी द्वारा सशक्त पैरवी की गई।
 

Created On :   9 Nov 2019 2:41 PM IST

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