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अफसरों ने नहीं सुनी, किसान खुद कर रहे नहर की सफाई

डिजिटल डेस्क शहडोल । एक ओर प्रदेश के मुखिया खेत की इंच भर जमीन में पानी पहुंचाने की घोषणा कर रहे है, वहीं जिले में सिंचाई विभाग के अफसर सीएम की मंशा पर पानी फेरने पर आमादा है। नहर होते हुए भी किसानों को पानी के लिए तरसना पड़ रहा है। जिले की सबसे पुरानी व लंबी सिंहपुर वियर के होते हुए भी सिंहपुर, पड़रिया, नरगी, उधिया, रायपुर व कंचनपुर में किसानों के रोपा नहीं लग पा रहे हंै। जर्जर हो चुकी नहर की मरम्मत व रखरखाव न किए जाने से भरी बरसात में पानी नहीं आ रहा है। कई बार विभाग का ध्यान आकृष्ट कराने के बावजूद कोई पहल नहीं हुई तो किसान स्वयं नहर की साफ-सफाई में जुट गए हैं। इसके बाद भी विभाग की नींद नहीं खुल रही है। अधिकारी बजट का रोना रोते हुए जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे हैं।
गौरतलब है 47 वर्ष पुरानी नहर 14 किलोमीटर लंबी है। इससे करीब 1500 किसानों की सैकड़ों एकड़ खेतों तक पानी पहुंचता था। लेकिन विभागीय उदासीनता के चलते नहर की हालत जर्जर होती गई। सरफा में बना बांध भठ चुका है। कई वर्ष पहले से एक सीजन में ही पानी मिल पा रहा था, लेकिन अब वह भी मिलना बंद हो चुका है। जल उपभोक्ता समिति तथा किसानों ने अनेक बार समस्या प्रशासन के समक्ष रखी लेकिन निदान आज तक नहीं हुआ। तत्कालीन कलेक्टर अनुभा श्रीवास्तव ने निरीक्षण कर नहर की मरम्मत के निर्देश दिए थेे, लेकिन वह आदेश फाइलों में दफन होकर रह गया।
वसूली हर साल, बजट 50 हजार
किसानों का कहना है कि सिंचाई विभाग द्वारा हर साल किसानों से राजस्व की वसूली इस बात को लेकर की जाती है कि उनकी जमीने नहर के पानी से सिंचित होती हैं। लेकिन जब मरम्मत की बात आती है तो बजट का रोना रोया जाता है। जल उपभोक्ता समिति को पिछले चार वर्ष में गत वर्ष 50 हजार का बजट उपलब्ध कराया गया था। इतनी कम राशि में कुछ दूर तक ही नहर की सफाई हो पाई। जबकि किसानों से इससे कई गुना राजस्व की वसूली की जाती है।
पंप लगाकर रोक रहे पानी
नहर में पानी की आवक काफी कम है। बांध से पर्याप्त पानी नहर में नहीं आ रहा। लेकिन तो थोड़ा बहुत पानी नहर में आ रहा है उसे पंप लगाकर रोका जा रहा है। किसानों ने बताया कि जिन किसानों के खेत ऊपरी की ओर हैं उनके द्वारा डीजल व बिजली के पंप लगाकर खेतों में ले जाया जा रहा है, जिससे पानी आगे नहीं बढ़ पा रहा है। नहर या नदी में पंप लगाना प्रतिबंधित होने के बाद भी इसका उपयोग धड़ल्ले से हो रहा है। कई लोगों ने तो दूर तक बिजली के तार खींचकर लगाया हुआ है, जिससे खतरा बना हुआ है।
इनका कहना है
कार्य के अनुरूप बजट की कमी है। जो था वह समिति को मुहैया कराया गया था। एसडीओ को निर्देश दिए हैं कि मौके पर जाकर वस्तुस्थिति देखें। प्रयास है कि किसानों को पानी मिल सके।
भागवत मिश्रा, कार्यपालन यंत्री सिंचाई विभाग
Created On :   30 July 2020 6:54 PM IST