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सहगल का आमंत्रण रद्द होने पर विपक्ष ने सीएम को ठहराया जिम्मेदार, राज ठाकरे ने कहा हम विरोध में नहीं
डिजिटल डेस्क, मुंबई। यवतमाल में होने वाले मराठी साहित्य सम्मेलन को उपजे विवाद में राजनीतिक दल भी कुद पड़े हैं। मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने अंग्रेजी लेखिका नयनतारा सहगल का विरोध किए जाने के स्थानीय मनसे नेताओं की भूमिका को गलत बताते हुए कहा कि हम सहगल का स्वागत करेंगे। जबकि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी व कांग्रेस ने सहगल का आमंत्रण रद्द किए जाने के लिए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को जिम्मेदारी ठहराया है। हालांकि मुख्यमंत्री सचिवालय ने यह कह कर इस मामले से पल्ला झाड़ लिया है कि साहित्य सम्मेलन के आयोजन में सरकार की कोई भूमिका नहीं होती।
92 वें मराठी साहित्य सम्मेलन के उद्घाटन सत्र के लिए आमंत्रित की गई अंग्रेजी कि सुप्रसिद्ध लेखिका नयनतारा सहगल का आमंत्रण आयोजकों ने यह कहते हुए रद्द कर दिया है कि एक राजनीतिक दल ने उनके सम्मेलन में आने का विरोध करते हुए आयोजन में बाधा पहुंचाने की धमकी दी है। दरअसल मनसे के स्थानीय नेताओं ने इस तरह की धमकी दी थी। सहगल का आमंत्रण रद्द किए जाने पर साहित्य जगत से हुए तीखी प्रतिक्रिया के बाद सोमवार को मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने एक पत्र जारी कर कहा कि नयनतारा सहगल को लेकर हमारा कोई विरोध नहीं है। उन्हें साहित्य सम्मेलन में जरूरत आना चाहिए। हम उनका हार्दिक स्वागत करते हैं।
आमंत्रण रद्द होने के लिए सीएम जिम्मेदारः मलिक
दूसरी आर राकांपा प्रवक्ता नवाब मलिक ने सहगल का आमंत्रण रद्द होने के लिए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि सहगल पंडित जवाहर लाल नेहरू के परिवार से हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नेहरु द्वेष जगजाहिर है। इस लिए मुख्यमंत्री के इशारे पर सहगल को साहित्य सम्मेलन में आने से रोका गया है। मलिक ने कहा कि इस मामले में मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने अपने स्थानीय नेताओं के बयानों के लिए क्षमा मांग ली है। अब मुख्यमंत्री को चाहिए कि वे भी क्षमा मांग कर सहगल को साहित्य सम्मेलन में आने के लिए फिर से आमंत्रित करें। कांग्रेस नेता व विधान सभा में विपक्ष के नेता राधाकृष्ण विखेपाटील ने कहा कि मख्यमंत्री इस बात का खुलासा करें कि आखिर सहगल का आमंत्रण रद्द किए जाने का फैसला किसने लिया है। उन्होंने कहा कि इसके पहले भी इस सरकार द्वारा लोगों की आवाज दबाने कोशिश हुई है।
आयोजन से सरकार का कोई संबंध नहीः सीएम
इस बीच मुख्यमंत्री सचिवालय की तरफ से बयान जारी कर कहा गया है कि अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन में किसको बुलाना है, किसको नहीं, इससे सरकार का कोई संबंध नहीं है। इस मामले में नाहक विवाद पैदा किया जा रहा है और इसमें सरकार को घसीटने की कोशिश की जा रही है। अखिल भारतीय साहित्य महामंडल एक स्वतंत्र संस्था है। इसमें राज्य सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं है। जबकि राज्य के सांस्कृतिक मंत्री विनोद तावडे ने कहा कि साहित्य सम्मेलन के आयोजन के लिए अनुदान देने के अलावा इसमें सरकार की कोई भूमिका नहीं होती।
Created On :   7 Jan 2019 1:29 PM GMT