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उद्धव के साथ आने के सवाल पर जानिए - राज ठाकरे ने क्या कहा
डिजिटल डेस्क, मुंबई। मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे के एक बयान से प्रदेश में ठाकरे बंधुओं के दोबारा साथ आने की चर्चा राजनीतिक गलियारों में शुरू हो गई है। शिवसेना पक्ष प्रमुख तथा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ हाथ मिलाने के सवाल पर राज ने कहा कि परमेश्वर को पता है। जबकि शिवसेना के मुख्य प्रवक्ता तथा सांसद अरविंद सावंत ने कहा कि इस बारे में मुख्यमंत्री ही फैसला करेंगे लेकिन राजनीति में कुछ भी संभव है। दरअसल एक समाचार पत्र को दिए साक्षात्कार में उद्धव के साथ दोबारा आने के सवाल पर राज कहा कि परमेश्वर को पता है। मेरा परमेश्वर में विश्वास है। फिर राज ने कहा कि मेरे पास फिलहाल इस प्रश्न का जवाब नहीं है। मुझे नहीं लगता है कि और किसी के पास इसका जवाब होगा। मेरी दिल से इच्छा है कि समाज पहले कोरोना संकट से बाहर निकले। बाकी की चीजें होती रहेंगी। राज के इस बयान पर शिवसेना नेता सावंत ने प्रतिक्रिया दी है। सावंत ने कहा कि मेरे इतने सालों के राजनीतिक अनुभवों से मुझे यह मुद्दा आशावादी नहीं लग रहा है पर आखिर में राजनीति में कुछ भी हो सकता है। मुख्यमंत्री ही इस तरह पर अंतिम फैसला कर सकते हैं।
अपने दल में ही रहने की दी सलाह
राज ठाकरे ने बताया कि 2009 के विधानसभा के वक्त भाजपा के मौजूदा विधायक अतुल भातखलकर मेरे पास मनसे का टिकट मांगने आए थे। भाजपा के एक और नेता लोखंडे भी मनसे की उम्मीदवारी चाहते थे। पर मैंने इन्हें समझाया कि जिस पार्टी में इतने दिनों से हो उसी दल में रहो। नाराजगी में पार्टी छोड़ने का फैसला लेना उचित नहीं होता। राज ने कहा कि बाद में मैने भाजपा के तत्कालिन अध्यक्ष नितीन गडकरी को फोन कर कहा भी कि राज्य के भाजपा नेता बेचैन हैं।
सच्चाई से परे है मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे का बयान
उधर भाजपा के दो नेताओं को लेकर मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे के बयान को पार्टी के नेता गलत बता रहे हैं। चुनावी आकड़े भी उनके दावे को गलत साबित कर रहे हैं। एक मराठा दैनिक को दिए इंटरव्यू में राज ने कहा है कि मौजूदा भाजपा विधायक अतुल भातखलकर और चार बार भाजपा के विधायक रहे सदाशिव लोखंडे मेरे पास मनसे से टिकट मांगने आए थे पर मैंने उन्हें अपनी ही पार्टी में रहने की सलाह दी थी। राज के अनुसार लोखंडे को मैंने मनसे की उम्मीदवारी देने से मना कर दिया था जबकि सच्चाई यह है कि 2009 में लोखंडे मनसे के टिकट पर कुर्ला से विधानसभा चुनाव लड़े थे और 33967 वोट हासिल किया था। भाजपा सूत्रों के अनुसार भाजपा के वरिष्ठ नेता विधायक अतुल भातखलकर के बारे में राज का बयान सही नहीं है। पार्टी के एक नेता ने दावा किया कि दरअसल मनसे की तरफ से भातखलकर को चुनाव लड़ने का ऑफर किया गया था लेकिन उन्होंने मनसे के टिकट पर चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया था। भाजपा विधायक भातखलकर ने‘दैनिक भास्कर’ से कहा कि राज ठाकरे की यह बात बेबुनियाद है। उन्होंने कहा कि ‘2009 में कांदीवली पूर्व से मुझे भाजपा का टिकट नहीं मिला तो राज ने मुझे मनसे के टिकट पर चुनाव लड़ने की पेशकश की थी। भातखलकर ने कहा कि मेरी पार्टी राज ठाकरे की तुलना में मेरे ऊपर ज्यादा विश्वास करती है। बता दें कि 2009 में भातखलकर को कांदिवली पूर्व सीट से भाजपा की उम्मीदवारी मिलने की उम्मीद थी पर अंतिम समय में पार्टी ने उत्तर भारतीय नेता जय प्रकाश ठाकुर को टिकट दे दिया था। इसके बाद भाजपा के उत्तरभारतीय उम्मीदवार के सामने मनसे ने भातखलकर को टिकट देने की पेशकश की थी। मनसे यहां चुनाव को मराठी बनाम उत्तरभारतीय बनाना चाहती थी। लेकिन भाजपा के वफादार नेताओं में शुमार भातखलकर ने इससे इंकार कर दिया था। पार्टी सूत्रों की माने तो भाजपा विधायक भातखलकर ने पिछले दिनों छत्रपति संभाजी महाराज के बारे में आपत्तिजनक किताब लिखने के मामले में पुस्तक के लेखक वरिष्ठ पत्रकार के खिलाफ मोर्चा खोला था। इसी के चलते पार्टी के प्रति भातखलकर की निष्ठा को संदिग्ध बताने की कोशिश हो रही है।
Created On :   2 Jun 2021 9:20 PM IST