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शहडोल में एक और बच्चे की मौत भोपाल से आई टीम ने लिया जायजा
डिजिटल डेस्क शहडोल । जिला चिकित्सालय में बच्चों की मौत मामले के ऑडिट के लिए भोपाल से आई एनएचएम की तीन सदस्यीय टीम ने अस्पताल सहित ग्रामीण इलाकों की स्वास्थ्य सुविधाओं का जायजा लिया। इस बीच जिला चिकित्सालय में सोमवार को एक और बच्चे की मौत हो गई। यह अस्पताल में हुई तेरहवीं मौत है। दो और बच्चों सहित शहडोल में अब तक 15 बच्चों की जान जा चुकी है। शाम करीब सात बजे एनएचएम (मप्र) की एमडी छवि भारद्वाज भी शहडोल पहुंचीं। स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी व एमडी छवि भारद्वाज मंगलवार को तीनों जिलों के कलेक्टरों सहित स्वास्थ्य अधिकारियों से चर्चा कर बच्चों की हो रही मौत के मामलों तथा कोविड की समीक्षा करेंगे। साथ ही तीनों जिलों के चिकित्सालयों का भी निरीक्षण करेंगे।
7 घंटे की थी नवजात
जिला चिकित्सालय में सोमवार को जिस बच्ची की मौत हुई वह एसएनसीयू में भर्ती थी। सिविल सर्जन डॉ. वीएस बारिया ने बताया कि भमरहा ब्यौहारी निवासी महिला की सुबह करीब 11 बजे जिला चिकित्सालय में ही डिलेवरी हुई थी। डिलेवरी के बाद से ही बच्ची की हालत नाजुक बनी हुई थी। उसे एसएनसीयू में भर्ती कराया गया था। शाम करीब 6 बजे उसकी मौत हो गई।
वीसी के जरिए भोपाल की रिपोर्टिंग
फील्ड में जो कुछ पाया और परिजनों से जो इनफर्मेशन मिली उसके सभी प्वाइंट टीम के सदस्यों ने नोट किए। शाम को जिला मुख्यालय पहुंचते ही वे सब कलेक्ट्रेट में वीसी में शामिल हुए और वीसी के जरिये भोपाल में अधिकारियों के साथ चर्चा की।
सोमवार सुबह एनएचएम की टीम में शामिल डॉ. मनीष सिंह (डिप्टी डायरेक्टर चाइल्ड हेल्थ-एनएचएम), वीना सिन्हा (एडिशनल डायरेक्टर-हेल्थ) और डॉ. आशीष सक्सेना (डिप्टी डायरेक्टर-हेल्थ) जिला चिकित्सालय पहुंचे। वहां निरीक्षण करने के साथ डॉक्टरों से चर्चा की। इसके बाद मेडिकल कॉलेज में एसएनसीयू के लिए तय कक्ष का अवलोकन किया और मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों को प्रपोजल तैयार करने के निर्देश दिए। इसके बाद टीम के सदस्य सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिंहपुर, ग्राम मिठौरी, बोडऱी और कटहरी पहुंचे। बोडऱी और कटहरी के दो बच्चों की बीते दिनों जिला चिकित्सालय में मौत हुई है, जबकि मिठौरी निवासी अजय कोल का दो माह 15 दिन का बच्चा जिला चिकित्सालय के पीआईसीयू में भर्ती है।
परिजन बोले- आशा कार्यकर्ता का फोन बंद था
टीम के सदस्य इस दौरान बच्चों के परिजनों से भी मिले और बच्चों के पैदा होने से लेकर हॉस्पिटल में एडमिट कराने तक की पूरी जानकारी ली। डिलेवरी कहां हुई थी, कैसे हुई थी, जन्म के समय बच्चे का वजन कितना था, वाहन मिला था कि नहीं, जब बच्चा बीमार हुआ तो पहले किसको सूचना दी, हॉस्पिटल कैसे ले गए.. आदि से जुड़े सवाल पूछे और पूरी जानकारी हासिल करने की कोशिश की। कटहरी में मृत बच्ची के परिजनों ने बताया कि उन्होंने आशा कार्यकर्ता को फोन लगाया था, लेकिन फोन बंद था। मिठौरी में परिजनों ने बच्चे के बीमार होने पर आशा कार्यकर्ता को सूचना नहीं देने की बात कही।
Created On :   8 Dec 2020 2:17 PM IST