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साढ़े चार लाख में 1 लाख ही मिले घरेलू नौकर, एक बार रजिस्ट्रेशन के बाद नहीं कराते नवीनीकरण

डिजिटल डेस्क, मुंबई। घरेलू नौकरों के कल्याण के लिए राज्य सरकार ने वेलफेयर बोर्ड का गठन किया है। पर एक बार रजिस्ट्रेशन के बाद अधिकांश घरेलू नौकर अपनी सदस्यता का नवीनीकरण नहीं कराते। इसके चलते राज्य सरकार कोरोना संकट में पहले पंजिकृत सभी घरेलू नौकरों की आर्थिक मदद नहीं कर पा रही है। कोरोना संकट के बाद राज्य का कामगार विभाग घरेलू नौकरों के रजिस्ट्रेशन का कार्य फिर से शुरु करेगी। कोरोना संकट के चलते शुरु लॉकडाउन में घरेलू नौकरों की रोजी-रोटी भी प्रभावित हुआ है। कोरोना संक्रमण के डर से बहुत से घरों में नौकरों के आने पर पाबंदी लगा दी गई।नेशनल डोमेस्टिक वर्कर वेलफेयर ट्रस्ट के एक सर्वे के अनुसार कोरोना की पहली लहर के दौरान ही 24 फीसदी घरेलू नौकर बेरोजगार हो गए थे। ऐसे में राज्य सरकार ने घरेलू नौकरों के लिए 1500-1500 रुपए की आर्थिक मदद का एलान किया है। श्रम विभाग की प्रमुख सचिव विनीता वेद सिंघल ने ‘दैनिक भास्कर’ को बताया कि फिलहाल 1 लाख 5 हजार घरेलू नौकरों के बैंक खाते में मदद राशि भेजी जा रही है। इनके लिए 16 करोड़ रुपए दिए गए हैं जिसमें से 34 लाख का वितरण हो चुका है। सिंघल ने बताया कि घरेलू नौकरों के कल्याण के लिए गठित वेलफेयर बोर्ड के पास कुछ साढे चार लाख लोगों ने अपनारजिस्ट्रेशन कराया था लेकिन फिलहाल 1 लाख 5 हजार लोगों का रजिस्ट्रेशन ही उपलब्ध है। बाकी लोगों ने एक बार पंजीकरण कराने के बाद दोबारा उसका नवीनीकरण नहीं कराया। उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश है कि उन लोगों की भी आर्थिक मदद की जाए जिन्होंने अपना नवीनीकरण नहीं कराया है। सिंघल ने बताया कि कोरोना संकट समाप्त होने के बाद घरेलू नौकरों के पंजीकरण की प्रक्रिया एक बार फिर से शुरु की जाएगी। इस बीच निर्माण कार्य में लगे 13 लाख 50 मजदूरों को भी आर्थिक मदद दी गई है।
इसलिए पंजीकरण में आती है समस्या
उन्होंने बताया कि घरेलू नौकरों के रजिस्ट्रेशन में सबसे बड़ी समस्या यह है कि बहुत से नियोक्ता यह लिख कर देने को तैयार नहीं होते कि फलां व्यक्ति हमारे यहां बतौर घरेलू नौकर कार्य कर रहा है। पर अब सरकार ने तय किया है कि हाऊसिंग सोसाईटी की जानकारी के आधार पर भी घरेलू नौकरों का रजिसस्ट्रेशन हो सकता है।
श्रमिकों के टीकाकरण में जुटा श्रम विभाग
श्रम विभाग की प्रमुख सचिव ने बताया कि फिलहाल श्रम विभाग श्रमिकों के टीकाकरण के कार्य में जुटा है। विभाग श्रमिकों को टीकाकरण केंद्रों पर ले जाकर उन्हें टिका दिलवा रहा है। टीके आपूर्ति बढ़ने के साथ ही इस कार्य में तेजी आएगी।
साइकिल रिक्शा चालकों भी मिलेंगे 1500 रुपए
प्रदेश में अधिकृत साइकिल रिक्शा चालकों को भी 1500 रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। कोरोना महामारी को रोकने के लिए लागू सख्त पाबंदियों के मद्देनजर राज्य सरकार ने यह फैसला किया है। बुधवार को प्रदेश के नगर विकास विभाग के उपसचिव शंकर जाधव ने इस संबंध में शासनादेश जारी किया है। सरकार ने साइकिल रिक्शा चालकों को 1500 रुपए की आर्थिक मदद के लिए नगर परिषद के निदेशालय निदेशक तथा आयुक्त को 7 लाख 63 हजार 500 रुपए परिवहन विभाग को देने की मंजूरी दी है। राज्य में नगर निकायों द्वारा परमिट जांच के बाद दी गई जानकारी के अनुसार साइकिल रिक्शा चालकों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। इससे पहले सरकार ने राज्य के परमिट धारक ऑटोरिक्शा चालकों को प्रति 1500 रुपए की आर्थिक मदद देने का फैसला किया था।
Created On :   2 Jun 2021 9:13 PM IST