- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- मुंबई
- /
- नक्सली हमले के बाद सियासत में उबाल,...
नक्सली हमले के बाद सियासत में उबाल, पवार और चव्हाण ने मांगा सीएम का इस्तीफा
डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य के गडचिरोली में हुए नक्सल हमले में 15 पुलिसकर्मियों के शहीद होने को लेकर राजनीतिक गरमाई गई है। राकांपा अध्यक्ष शरद पवार सहित कांग्रेस ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के इस्तीफे की मांग की है। जबकि मुख्यमंत्री ने नक्सलियों से सख्ती से निपटने की बात कही है। महाराष्ट्र दिवस के मौके पर बुधवार को गडचिरोली में आईईडी धमाके में नक्सल विरोध दस्ते सी-60 के 15 जवानों को अपनी जान गवानी पड़ी थी। इस पर राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि मुख्यमंत्री फडणवीस के पास गृह विभाग भी है। इस लिए इस घटना के मद्देनजर उन्हें नैतिकता के आधार पर तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चव्हाण ने कहा कि राज्य की भाजपा सरकार नक्सली हमले रोकने में पूरी तरह विफल रही है। नक्सली हमले की साजिश रच रहे थे लेकिन मुख्यमंत्री के अधीन काम करने वाले गृह विभाग को इसकी भनक तक नहीं लगी। उन्होंने कहा कि फडणवीस के कार्यकाल में महाराष्ट्र में नक्सली हमले बढ़े हैं। इस लिए उन्हे इस्तीफा देना चाहिए। कांग्रेस नेता ने कहा कि नोटबंदी के बाद भाजपा सरकार ने दावा किया था कि नोटबंदी से नक्सलियों और आतंकियों की कमर टूट गई है। लेकिन लगातार हो रहे नक्सली और आतंकी हमले ने इस दावे को झुठा साबित कर दिया है।
नक्सलियों की भाषा क्यों बोल रहे हैं पवार : तावडे
वरिष्ठ भाजपा नेता व राज्य के शिक्षामंत्री विनोद तावडे ने नक्सली हमले पर राकांपा प्रमुख शरद पवार के बयान की निंदा करते हुए कहा कि वे नक्सलियों की भाषा बोल रहे हैं। पवार द्वारा मुख्यमंत्री का इस्तीफा मांगे जाने पर तावडे ने कहा कि 1993 में जब मुंबई में सिरियल विस्फोट हुए थे, तो उस वक्त विधानसभा में भी तत्कालिन मुख्यमंत्री पवार का इस्तीफा मांगा गया था। हाल ही में छत्तीसगढ में हुए नक्सली हमले में भाजपा के एक विधायक को जान गवानी पड़ी। उस वक्त पवार चुप क्यों रहे। क्या वे इस लिए नहीं बोल सके क्यों छत्तीसगढ में कांग्रेस की सरकार है। तावडे ने कहा कि कांग्रेस ने अपने चुनाव घोषणा पत्र में देशद्रोह की धारा वापस लेने का आश्वासन दिया है और पवार ने उसका समर्थन किया है।
Created On :   2 May 2019 8:09 PM IST