औरंगाबाद दंगा मामले में विपक्ष का हमला -गृह मंत्री के रूप में फडणवीस पड़ रहे हैं कमजोर 

Opposition attacked on government Fadnavis in Aurangabad riot case
औरंगाबाद दंगा मामले में विपक्ष का हमला -गृह मंत्री के रूप में फडणवीस पड़ रहे हैं कमजोर 
औरंगाबाद दंगा मामले में विपक्ष का हमला -गृह मंत्री के रूप में फडणवीस पड़ रहे हैं कमजोर 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। औरंगाबाद दंगा मामले में विपक्षी दल राष्ट्रवादी कांग्रेस और कांग्रेस के अलावा सत्ताधारी शिवसेना ने प्रदेश की भाजपा सरकार पर हमला बोला है। राष्ट्रवादी कांग्रेस के नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर सवाल उठाए हैं। सोमवार को फेसबुक लाइव के माध्यम से लोगों के सवालों के जवाब देते समय अजित ने कहा कि औरंगाबाद शहर में पुलिस आयुक्त को नियुक्त करने की जिम्मेदारी गृह विभाग की होती है। गृह विभाग फिलहाल मुख्यमंत्री के पास है। लेकिन मुख्यमंत्री गृह विभाग की जिम्मेदारी निभाने में कमजोर पड़ रहे हैं। राज्य सरकार औरंगाबाद शहर के लिए पुलिस आयुक्त की नियुक्त नहीं कर पा रही है। 

मुख्यमंत्री की क्षमता पर उठाए सवाल  
अजित ने कहा कि औरंगाबाद में मामूली कारणों से हिंसा भड़की। जो बाद में दंगे के रूप में बदल गई। इस दंगे में कुछ लोगों की मौत हुई है। इसके अलावा कई दुकानें जलाई गईं हैं। जिन दुकानदारों की दुकानें जलाई गईं हैं। उन्हें सरकार को नुकसान भरपाई देनी चाहिए। जबकि राष्ट्रवादी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटील ने कहा कि शहर में हुए दंगे के समय पुलिस मूकदर्शक की भूमिका में बनी रही। पाटील ने दावा किया कि कुछ राजनीति दल के नेता दंगे का नेतृत्व कर रहे थे। सरकार ने दंगे पर नियंत्रण के लिए पुलिस के माध्यम से कोई प्रयास नहीं किया। पाटील ने कहा कि औरंगाबाद में शनिवार रात करीब 11 बजे विवाद हुआ। इसके बाद रात 2 बजे दंगा शुरू हुआ। 

औरंगाबाद दंगा मामले में विपक्ष का सरकार पर हमला 
पुलिस दंगे पर नियंत्रण सुबह 9 बजे पाई। वहीं विधान सभा में विपक्ष के नेता राधाकृष्ण विखे पाटील ने कहा कि औरंगाबाद शहर वासियों को शांति चाहिए लेकिन सत्ताधारी दलों ने शहर में राजनीतिक फायदे के लिए दंगा करवाया है।  दूसरी ओर शिवसेना ने पार्टी के मुखपत्र सामना के जरिए सरकार पर निशाना साधा है। पार्टी ने कहा कि औरंगाबाद में दंगा क्यों भड़का। इन प्रश्नों का जवाब ढूंढने की जिम्मेदारी सरकार की है। पार्टी ने कहा कि औरंगाबाद शहर को पिछले कई महीनों से पुलिस आयुक्त नहीं मिल पाया है। इतने संवेदनशील शहर को पुलिस आयुक्त न मिलना, मुख्यमंत्री के नेतृत्व वाली गृह विभाग की यह सबसे बड़ी नाकामी है।
 

Created On :   14 May 2018 1:58 PM GMT

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