कामकाज के मामले में सत्ता पक्ष से आगे निकल गए विपक्षी विधायक

Opposition MLA overtakes the ruling party members in terms of work
कामकाज के मामले में सत्ता पक्ष से आगे निकल गए विपक्षी विधायक
कामकाज के मामले में सत्ता पक्ष से आगे निकल गए विपक्षी विधायक

डिजिटल डेस्क, मुंबई। चुनावी साल में मुंबई के विधायकों ने अपने कामकाज में सुधार किया है। खासकर कांग्रेस पार्टी के विधायकों का प्रदर्शन पिछले पांच सालों में भाजपा और शिवसेना विधायकों से बेहतर रहा है। गैर सरकारी संगठन प्रजा फाउंडेशन के रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। प्रजा फाउंडेशन ने मुंबई के 32 विधायकों के कामकाज को लेकर सर्वे किया जिसमें उन्हें औसत 64 फीसदी अंक दिए गए जबकि पिछले साल विधायकों ने औसत 59 फीसदी अंक हासिल किए।

प्रज्ञा फाउंडेशन ने जारी किया रिपोर्ट कार्ड 

गुरूवार को मुंबई प्रेस क्लब में विधायकों के कामकाज का रिपोर्ट जारी करते हुए प्रजा फाउंडेशन के संस्थापक नितई मेहता ने बताया कि शीतसत्र 2017 से शीतसत्र 2018 के बीच कांग्रेस के पांच विधायकों के औसत अंक 75 फीसदी रहे। जबकि भाजपा के 12 विधायकों को 65 फीसदी और शिवसेना के 13 विधायकों को औसत 60 फीसदी अंक हासिल हुए हैं। इस साल शिवसेना के सुनील शिंदे सबसे अच्छे विधायक साबित हुए और विभिन्न मानकों पर उन्होंने 79.38 अंक हासिल किए। इसके बाद कांग्रेस के अमीन पटेल और असलम शेख का नंबर था। जबकि 13वीं विधानसभा की बात करें तो 79.58 अंकों के साथ पिछले पांच सालों में अमीन पटेल सबसे अच्छे विधायक साबित हुए हैं। दूसरे नंबर पर शिवसेना के सुनील प्रभू और तीसरे नंबर पर असलम शेख हैं। भाजपा के बड़बोले विधायक राम कदम 13वीं विधानसभा में मुंबई के सबसे खराब विधायक साबित हुए और उन्हें सिर्फ 41.64 फीसदी अंक हासिल हुए।

शिवसेना के शिंदे- अमील पटेल अव्वल

प्रजा फाउंडेशन के मुताबिक राम कदम ने पिछले साल विधानसभा में लोगों से जुड़ा एक भी सवाल नहीं पूछा। विधायकों को विधानसभा में हाजिरी, सदन में पूछे गए सवाल, सवालों की गुणवत्ता, आपराधिक रिकॉर्ड, लोगों के काम करने और उनके लिए उपलब्ध रहने और भ्रष्टाचार के साथ इलाके के लोगों में विधायक को लेकर राय जैसे मुद्दों पर आंका गया। प्रजा फाउंडेशन के निदेशक मिलिंद म्हस्के ने बताया कि सर्वे के दौरान ज्यादातर नागरिकों ने माना है कि पिछले कुछ सालों में उनके जीवन स्तर में सुधार आया है। साथ ही साल 2014 के मुकाबले 2019 में भ्रष्टाचार 38 फीसदी से घटकर 14 फीसदी पर पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि सर्वे में यह भी साफ हुआ कि जिन विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामले नहीं दर्ज थे उनका प्रदर्शन ज्यादा बेहतर था।    
 

Created On :   29 Aug 2019 7:50 PM IST

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