अनूपपुर, सिवनी, मंडला और दमोह में भी सड़ रहा है 258 करोड़ रुपए का धान

Paddy worth Rs 258 crore is also rotting in Anuppur, Seoni, Mandla and Damoh
अनूपपुर, सिवनी, मंडला और दमोह में भी सड़ रहा है 258 करोड़ रुपए का धान
अनूपपुर, सिवनी, मंडला और दमोह में भी सड़ रहा है 258 करोड़ रुपए का धान

लापरवाही या अपराध - 3 महीने से ज्यादा समय तक अनाज बाहर न रखने का आदेश
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
दिन-रात पसीना बहाकर जनता-जनार्दन के लिए अनाज उगाने वाले किसानों की मेहनत को दरकिनार कर अधिकारियों ने करोड़ों रुपए का धान सडऩे के लिए छोड़ दिया। ओपन केप में सुरक्षित रखरखाव का दावा करने वाले अफसरों के प्रयास कागजी साबित हुए, जिसके चलते बीते करीब दो साल में अलग-अलग उपार्जन में समर्थन मूल्य पर खरीदा गया लगभग 258.5 करोड़ रुपए का तकरीबन 14 लाख 36 हजार 617 क्विंटल धान इन दिनों महाकोशल, विंध्य और बुंदेलखंड में सड़ रहा है। अधिकारियों ने खाद्य विभाग मध्यप्रदेश के उस आदेश को भी ठेंगा दिखा दिया, जिसमें कहा गया है कि ओपन केप में भंडारित धान को अधिकतम 3 माह में उठा लिया जाए। अधिकारियों की हद दर्जे की लापरवाही के चलते सिवनी और मंडला आदि जिलों में धान में अंकुरण शुरू हो गया है। जबकि दमोह में तो धान को खराब घोषित कर दिया गया। अधिकारियों के इस अक्षम्य अपराध पर अब तक शासन सख्त नहीं हुआ, जिसका नतीजा यह रहा कि गरीबों को कोरोना संक्रमण काल में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत चावल मिलना भी बंद हो गया। 
दिशा-निर्देश का पालन नहीं 
15 जुलाई 2020 को खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग मंत्रालय द्वारा आदेश जारी किया गया था कि विशेष परिस्थितियों में ही खाद्यान्न का भंडारण ओपन केप में किया जाए। वहीं भंडारित किए गए खाद्यान्न को 3 महीने के अंदर सुरक्षित रखवाया जाए। इस आदेश में बाकायदा आईसीएआर के द्वारा किए गए रिसर्च का हवाला भी दिया गया था।
अनूपपुर: आसमान के नीचे 57 करोड़ का धान
 अनूपपुर जिले में तीन स्थानों पर बनाए गए ओपन केप में 30 हजार 950 मीट्रिक टन धान पन्नी से ढककर रखा है। जबकि आदेश ही है कि 3 माह से अधिक खाद्यान्न को पन्नी से ढक कर नहीं रखा जाए। वेयरहाउस द्वारा लगातार नागरिक आपूर्ति निगम से पत्राचार किया जा रहा है कि धान को सुरक्षित रखवाया जाए। बावजूद इसके खाद्य मंत्री बिसाहूलाल सिंह के गृह जिले में ही 57 करोड़ की धान को बारिश में सडऩे के लिए खुले में छोड़ दिया गया। जिले के निगवानी ओपन केप में 19 सौ मीट्रिक टन धान, पयारी में 29 हजार मीट्रिक टन तथा बरबसपुर ओपन कैप में 10 हजार मीट्रिक टन धान बीते दिसंबर से रखा है।
दमोह - 8, 340 क्विंटल धान खराब घोषित
जिले के सैलवाड़ा में बने ओपन केप में रखा 8,340 क्विंटल धान खराब घोषित हो गया। ओपन केप में यह धान 2019-20 की खरीदी के बाद रखवाया गया था। इसके बाद इसका उठाव नहीं हो सका। खराब धान की समर्थन मूल्य के अनुसार, कीमत करीब डेढ़ करोड़ रुपए है। नान के रामविलास तिवारी ने कहा, 2019-20 में इस धान का उठाव इसलिए नहीं किया गया था, क्योंकि यह धान खराब था। अब इस धान का विक्रय टेंडर प्रक्रिया से किया जाएगा। 
सिवनी -ओपन केप में सड़ा दिया 200 करोड़ का 8 लाख क्विंटल धान 
वर्ष 2019-20 में खरीदा गया नरेला के सेक्टर 1, 2 व तीन के साथ ही कारीरात सहित अन्य ओपन केप में रखा 200 करोड़ का 8 लाख क्विंटल धान सड़ गया है। धान में जहां अंकुरण हो गया है, वहीं वह काला भी पड़ गया है। इस धान के रखरखाव व मिलिंग कराने में नान के अफसरों ने लापरवाही बरती। अधिकारी बदलते रहे, लेकिन 18-19 माह में 200 करोड़ के उक्त धान का उठाव न कराए जाने के कारण आंधी-तूफान में तिरपाल उडऩे-फटने और बारिश के पानी में भीगने से धान सड़ गया।  
मंडला -  विपणन के ओपन केप में धान खराब 
समर्थन मूल्य पर किसानों से क्रय करने के बाद ओपन कैप में रखा धान खराब होने लगा है। विपणन के खैरी, ठरका और सेमरखापा के ओपन कैप का कवर क्षतिग्रस्त और हवा में अलग होने के कारण धान भीगा है, जिससे धान अंकुरित हो चुका है। बीते सोमवार को विपणन के खैरी ओपन केप में दो स्टैग से कवर अलग मिले। यहां बारिश से धान भीग जाने के कारण धान बोरियों में ही अंकुरित होने लगा है। एक स्टैग में 3 हजार 63 बोरी धान रखा है। विपणन के ही टिकरिया ओपन केप में भी धान खराब हुआ है। यहां मेन गेट के पास लगे स्टेग को खाली किया जा रहा है। इसी स्टेग में धान की बोरी सड़ गई है। ऐसे ही हाल ठरका ओपन केप का है। यहां एक स्टैग में बोरियां सड़ गई हैं। यहां करीब 10 बोरी धान पूरा खराब हो चुका है। 
इनका कहना है
प्रदेश में 17 लाख मीट्रिक टन धान ओपन केप में रखा है। मिलिंग नहीं होने की वजह से चावल की कमी हुई थी। प्रयास किया जा रहा है कि शीघ्र मिलर धान का उठाव कर लें। इस संबंध में जल्द निर्देश जारी होंगे। सभी जिलों को निर्देशित किया है कि धान बारिश में ना भीगने पाए। इसके लिए सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित कर लें।
-अभिजीत अग्रवाल, एमडी नागरिक आपूर्ति निगम भोपाल 

Created On :   17 Jun 2021 8:58 AM GMT

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