दत्तात्रेय होसबोले ने कहा - सनातन भारत की यात्रा कराती हैं ध्यान पासिका की कलाकृतियां

Painting exhibition inaugurated - Dattatreya Hosabole said - Artifacts of Dhyana Pasika travel to Sanatan Bharat
दत्तात्रेय होसबोले ने कहा - सनातन भारत की यात्रा कराती हैं ध्यान पासिका की कलाकृतियां
पेंटिंग प्रदर्शनी का शुभारंभ दत्तात्रेय होसबोले ने कहा - सनातन भारत की यात्रा कराती हैं ध्यान पासिका की कलाकृतियां

डिजिटल डेस्क, मुंबई। युवा कलाकार ध्यान पासिका की समकालीन कलाकृतियों पर आधारित पेंटिंग प्रदर्शनी ‘भारत: एक सनातन यात्रा' का शुभारंभ करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने कहा कि रंग और ब्रश के माध्यम से कैनवास पर सनातन भारत को बड़ी खूबसूरती से परिभाषित किया है। अपनी कलाकृतियों के माध्यम से ध्यान पासिका दर्शकों को स्वर्णिम भारत की अनूठी यात्रा पर ले जाते हैं। कार्यक्रम में पद्मश्री फिल्म निर्माता, लेखक एवं निर्देशक डॉ. चंद्र प्रकाश द्विवेदी, ओशो वर्ल्ड मैगजीन के संपादक स्वामी चैतन्य कीर्ति व भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी भी उपस्थित थे। मुंबई की जहांगीर आर्ट गैलरी यह प्रदर्शनी 27 फरवरी 2022 तक आयोजित की गई है। 

प्रदर्शनी का शुभारम्भ करते हुए श्री होसबोले ने कहा कि ध्यान पासिका की कलाकृतियों को देखने के बाद यह तय करना मुश्किल लगता है कि किसे सर्वश्रेष्ठ कहा जाए, क्योंकि सभी कलाकृतियां असाधारण हैं। इस प्रदर्शन के माध्यम से हमारा विश्वास मजबूत हुआ है कि आज युवाओं का भारत को देखने का नजरिया बदल रहा है। इस अवसर पर डॉ. चंद्र प्रकाश द्विवेदी ने ध्यान पासिका की परिकल्पना को असाधारण बताते हुए कहा कि कोई भी घर पेंटिंग के बिना पूरा नहीं हो सकता। जिस घर में पेंटिंग है, वही घर पूर्ण है। सनातन भारत को दिखाती ये कलाकृतियां आपको पूर्णता का अनुभव कराती हैं। समारोह में ओशो वर्ल्ड मैगजीन के संपादक स्वामी चैतन्य कीर्ति एवं भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी ने भी अपने विचार व्यक्त किए। 

भारत एक सनातन यात्रा' एक अनोखी प्रदर्शनी है, जिसमें युवा कलाकार ध्यान पासिका की नव-आध्यात्मिक कलाकृतियों को प्रस्तुत किया गया है। इस प्रदर्शनी के माध्यम से स्वर्णिम भारत के अनूठे रहस्यों को ध्यान पासिका ने अपने कैनवास पर उकेरा है। भारत की ज्योतिर्मय दिव्यता और शाश्वत ज्ञान परंपरा को भी उन्होंने रेखांकित करने का प्रयास किया है।

 

Created On :   22 Feb 2022 9:17 PM IST

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