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गांव को ओडीएफ कराने के बाद ही पहनेंगे जूता चप्पल, सचिव ने लिया संकल्प
डिजिटल डेस्क शहडोल । गांव को खुले में शौच से मुक्ति दिलाकर ओडीएफ बनाने का जुनून पंचायत सचिव पर ऐसे सवार हुआ कि उन्होंने नंगे पांव रहने का संकल्प कर लिया। सचिव का कहना है कि जब तब पंचायत के हर घर में शौचालय नहीं बन जाते और लोग उपयोग करना शुरु नहीं कर देते जूता व चप्पल नहीं पहनेंगे। जिले के गोहपारू जनपद पंचायत के ग्राम पंचायत बोचकी के सचिव रावेन्द्र सिंह यह संकल्प लेकर उसे पूरा कराने लोगों को जागरुक करने में दिन रात लगे हुए हैं। जानकारी के अनुसार सचिव ने गांव को ओडीएफ करने का बीड़ा उठाया है वहां बोचकी की सरपंच सुशाली सिंह शौचालय का उपयोग नहीं करतीं। निर्माण भी अधूरा है।
भास्कर से चर्चा में सचिव ने रावेंद्र ने बताया कि गांव में 115 घर हैं। अभी तक 65 घरों में शौचालय का निर्माण हुआ है। शेष घरों में शौचालय निर्माण का कार्य चल रहा है। हितग्राही मूलक योजना है, निर्माण उन्हें ही कराना है। सुबह से लेकर देर रात तक वह लोगों से मिलते हैं तथा शौचालय निर्माण की उपयोगिता के बारे में बताते हैं। उनका कहना है कि अधिकारियों की मदद मिलती रहे तो इस माह के अंत तक पूरा गांव ओडीएफ हो सकता है।
15 साल से सरपंची, घर में नहीं शौचालय
जनपद गोहपारू के ही ग्राम पंचायत देवरी नंबर-2 के सरपंच हेमदीन सिंह स्वच्छता अभियान को माखौल उड़ाते नजर आ रहे हैं। जबकि पिछले 15 सालों से उनके परिवार में सरपंची है। पिछली पंचवर्षीय में उनकी पत्नी कुसुमबाई सरपंच थीं। उसके पिछली बार हेमदीन सरपंच थे। इनके घर में कुछ साल पहले शौचालय निर्माण शुरु हुआ लेकिन आज तक पूरा नहीं हुआ।
जनप्रतिनिधि उदासीन
ग्राम पंचायत जनप्रतिनिधि अभियान को गंभीरता से नहीं लेते जनपद के अनेक गांवों में इसके उदाहरण भरे हुए हैं। गोहपारू के ग्राम पंचायत करुआ के उपसरपंच नारेन्द्र शर्मा के घर में शौचालय नहीं बना। पैलवाह पंचायत के सरपंच नरेंद्र सिंह के यहां निर्माध अधूरा पड़ा हुआ है।
इनका कहना है
-बोचकी पंचायत के सचिव का संकल्प सराहनीय है। पंचायतों के जनप्रतिनिधि ही शौचालय का उपयोग नहीं कर रहे यह चिंताजनक है।
अर्चना गुर्जर, जिला समन्वयक भारत स्वच्छ मिशन
Created On :   14 Dec 2017 1:27 PM IST