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वैज्ञानिक और आधुनिक रहा महात्मा फुले का दृष्टिकोण - पवार
डिजिटल डेस्क, पुणे। राष्ट्रवादी कांग्रेस के अध्यक्ष शरद पवार ने मंगलवार को कहा कि महात्मा फुले का दृष्टिकोण वैज्ञानिक रहा है। जिससेे देश की प्रगति होगी। महात्मा फुले की पुण्यतिथि के मौके पर अखिल भारतीय महात्मा फुले समता परिषद ने समता भूमि पर समारोह आयोजित किया था। समारोह में पवार के हाथों वरिष्ठ विचारक डॉ. मा. गो. माली को पुरस्कार से नवाजा गया। पवार ने बताया कि महात्मा फुले ने उस रूढ़ीवादी प्रथा परंपराओं से अलग हटकर लोगों को यथार्थ के साथ जोड़ा। उनके विचार वैज्ञानिक थे।उन्हाेंने कृषिऔर स्त्री शिक्षा के क्षेत्र में बदलाव लाने का प्रयास किया। अपने पूरे जीवन में आधुनिक विज्ञान को प्राथमिकता दी। विकास के विचार से उन्होंने समाज को नई दिशा देने का प्रयास किया।
भुजबल के कारण महात्मा फुले वाड़े का हुआ विकास
पवार ने कहा कि छगन भुजबल के संघर्ष पर ही महात्मा फुले वाड़ा और परिसर का विकास हो सका। वाड़े को राष्ट्रीय स्मारक का दर्जा मिले इसलिए भी उन्होंने काफी काम किया है। इस मौके पर केंद्रीय मानव संसाधन राज्यमंत्री उपेन्द्र कुशवाहा, परिषद के अध्यक्ष कृष्णकांत कुदले, सांसद पंकज भुजबल, राजस्थान स्थित मोतीलाल सांकला, सामाजिक न्याय राज्यमंत्री दिलीप कांबले, विधायक जयदेव गायकवाड़ उपस्थित थे।
महात्मा फुले के महान कार्य
महात्मा फुले एवं ज्योतिबा फुले के नाम से प्रचलित 19वीं सदी के महान विचारक, समाज सेवी, लेखक, दार्शनिक और क्रान्तिकारी धर्मगुरु थे। सितम्बर 1873 में उन्होने महाराष्ट्र में सत्य शोधक समाज नामक संस्था का गठन किया था। महिलाओं और दलितों के उत्थान के लिए अनेक कार्य किए। समाज के सभी वर्गो को शिक्षा प्रदान करने के प्रबल समथर्क थे। दलित और पिछड़े वर्गों को शिक्षा से जोड़ने का सर्वप्रथम प्रयास फूले ने ही किया था। उन्होंने जन जागृति अभियान चलाकर समाज के दबे कुचले वर्ग को मुख्यधारा से जोड़ा। महा पुरूष महात्मा फुले ने समाज ही नहीं संपूर्ण वर्णो को शिक्षा देकर शिक्षित किया है।
Created On :   28 Nov 2017 8:56 PM IST