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राजू शेट्टी को विधान परिषद में भेजना चाहते हैं पवार, जयंत पाटील ने की मुलाकात

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राकांपा प्रमुख शरद पवार महाराष्ट्र विधान परिषद की राज्यपाल नामित सीट स्वाभिमानी शेतकरी संगठन के अध्यक्ष पूर्व सांसद राजू शेट्टी को देना चाहते हैं। पवार के संदेश को लेकर राकांपा के प्रदेश अध्यक्ष तथा जलसंसाधन मंत्री जयंत पाटील ने शेट्टी बीते दिनों मुलाकात की है। पाटील ने शेट्टी से कहा कि पवार राकांपा कोटे की विधान परिषद की एक सीट आपको देना चाहते हैं। शेतकरी संगठन के सूत्रों के अनुसार शेट्टी विधान परिषद में जाने के लिए तैयार हैं। शेट्टी इस बारे में औपचारिक रूप से अगले कुछ दिनों में घोषणा करेंगे। गुरुवार को शेट्टी ने कहा कि पाटील ने मुझसे बातचीत की है। विधान परिषद की सीट के लिए संभवतः सप्ताह भर में पवार के साथ एक बैठक होगी। शेट्टी ने कहा कि लोकसभा चुनाव के समय राकांपा ने शेतकरी संगठन को विधान परिषद की एक सीट देने का वादा किया था। शेतकरी संगठन ने राकांपा को पुराने वादे को याद दिलाने के लिए एक पत्र भेजा था। राकांपा को अपना वादा पूरा करना है या नही। यह पवार को तय करना है। वहीं शेतकरी संगठन के एक पदाधिकारी ने ‘दैनिक भास्कर’ से बातचीत में बताया कि पाटील पवार का संदेश लेकर शेट्टी के पास आए थे। शेट्टी ने पाटील से कहा कि हम पार्टी के स्तर पर चर्चा करके अपना निर्णय बताएंगे। इसके बाद शेट्टी ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से चर्चा की। शेतकरी संगठन के सभी पदाधिकारियों ने सर्वसहमति से कहा कि राकांपा के प्रस्ताव को स्वीकार करना चाहिए। किसान आंदोलन को जीवित रखने के लिए ऐसे अवसर को स्वीकार करना जरूरी है। पदाधिकारी ने कहा कि पवार केवल शेट्टी के लिए सीट छोड़ना चाहते हैं। इसलिए विधान परिषद की सीट के लिए शेतकरी संगठन के दूसरे किसी नेताओं के नाम की चर्चा भी नहीं हुई। सभी पदाधिकारियों ने शेट्टी के नाम पर सहमति दे दी है। पार्टी सूत्रों के अनुसार विधान परिषद के लिए शेतकरी संगठन के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रविकांत तुपकर और वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष डॉ. जालंदर पाटील इच्छुक थे। शेतकरी संगठन चाहता है कि पार्टी को विधान परिषद की सीट राकांपा नहीं बल्कि शेतकरी संगठन के नाम पर मिलनी चाहिए। राज्यपाल कोटे की विधान परिषद की फिलहाल 10 सीटें रिक्त हैं। 15 जून को 2 और सीटें रिक्त होंगी। इसको मिलाकर कुल 12 सीटें खाली हो जाएंगी।
राज्यसभा में जाना चाहते थे शेट्टी
राकांपा की मदद से शेट्टी की इच्छा राज्यसभा में जाने की थी लेकिन राकांपा इसके लिए तैयार नहीं हुई। सूत्रों के अनुसार बैठक में शेट्टी ने पाटील से कहा कि मैं राज्यसभा में जाने के लिए इच्छुक था। इस पर पाटील ने कहा कि महाराष्ट्र की 7 सीटों के लिए हुए राज्यसभा चुनाव के समय स्थिति अलग थी लेकिन राकांपा अब शेतकरी संगठन को विधान परिषद की एक सीट देने के लिए तैयार है।
सदन में नजर आएंगे पुराने दोस्त, जो अब धुर-विरोधी हैं
राकांपा की ओर से अगर शेट्टी विधान परिषद में जाते हैं तो सदन में शेट्टी के पुराने दोस्त और मौजूदा धुर-विरोधी रयत क्रांति संगठन के सदाभाऊ खोत एक साथ सदन में नजर आएंगे। खोत भाजपा के कोटे से विधान परिषद के सदस्य हैं। खोत के फडणवीस सरकार में कृषि राज्य मंत्री बनने के कुछ महीने बाद ही शेट्टी से मतभेद हो गए थे। इसके बाद खोत ने वर्षों पुराने दोस्त शेट्टी से अपनी राह अलग कर ली थी।
मंत्री की जानकारी के बगैर प्रस्ताव तैयार करने वाले अधिकारी का तबादला
उधर मंत्री को बगैर जानकारी दिए राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में गेंहू खरीद का प्रस्ताव पेश करने वाले खाद्य व आपूर्ति विभाग के सह सचिव सतीश तुपे की तबादला कर दिया गया है। उन्हें वित्त विभाग में भेजा गया है। मंगलवार को मंत्रिमंडल की बैठक में इस पर खाद्य आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल ने कड़ी नाराजगी जताई थी। मंत्रिमंडल की बैठक में गेंहू खरीद का प्रस्ताव रखा गया तो भुजबल ने कहा कि मुझे तो इस बारे में जानकारी ही नहीं दी गई। इसके बाद भुजबल सहित अन्य मंत्रियों ने मुख्य सचिव अजोय मेहता को लेकर नाराजगी जताई थी। इसके बाद तुपे का तबादला कर दिया गया है।
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Real Estate: खरीदना चाहते हैं अपने सपनों का घर तो रखे इन बातों का ध्यान, भास्कर प्रॉपर्टी करेगा मदद

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। किसी के लिए भी प्रॉपर्टी खरीदना जीवन के महत्वपूर्ण कामों में से एक होता है। आप सारी जमा पूंजी और कर्ज लेकर अपने सपनों के घर को खरीदते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि इसमें इतनी ही सावधानी बरती जाय जिससे कि आपकी मेहनत की कमाई को कोई चट ना कर सके। प्रॉपर्टी की कोई भी डील करने से पहले पूरा रिसर्च वर्क होना चाहिए। हर कागजात को सावधानी से चेक करने के बाद ही डील पर आगे बढ़ना चाहिए। हालांकि कई बार हमें मालूम नहीं होता कि सही और सटीक जानकारी कहा से मिलेगी। इसमें bhaskarproperty.com आपकी मदद कर सकता है।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।