MBBS admission को लेकर PDMC में उपजा विवाद

PDMC controversy create about MBBS admission
MBBS admission को लेकर PDMC में उपजा विवाद
MBBS admission को लेकर PDMC में उपजा विवाद

डिजिटल डेस्क, अमरावती। हमेशा से ही विवादों में रहनेवाला डॉ. पंजाबराव देशमुख मेडिकल कॉलेज(पीडीएमसी) एमबीबीएस की प्रवेश प्रक्रिया को लेकर, फिर एक बार सुर्खियों में है। पात्र छात्रों को छोड़कर अपात्र छात्रों को प्रवेश देकर लाखों रुपए का आर्थिक व्यवहार का चौंकानेवाला मामला सामने आया है। इस बात की भनक युवा सेना के पदाधिकारियों को चलते ही वे तुरंत अपने कार्यकर्ताओं के साथ पीडीएमसी अस्पताल पहुंंचे और अधिष्ठाता के कक्ष में जमकर हंगामा किया। अधिष्ठाता ने प्रवेश प्रक्रिया में किसी तरह की गड़बड़ी की तो तीव्र आंदोलन की चेतावनी युवा सेना के उपजिला प्रमुख ने दी है। बताया जाता है कि स्थानीय पंचवटी चौक स्थित पीडीएमसी अस्पताल आए दिन चर्चा में रहता है। विगत कुछ माह पहले अस्पताल में चार नवजात शिशुओं की डाक्टर की लापरवाही से मौत हुई थी। उसके बाद दिल्ली का एक दस्ता पीडीएमसी की जांच करने आया था, इसके साथ ही नासिक विवि ने पीडीएमसी के डीन दिलीप जाणे को अधिष्ठाता पद के लिए अपात्र ठहराया था। और फिर एक बार बुधवार की दोपहर पीडीएमसी में चल रहे एमबीबीएस प्रवेश प्रक्रिया का मामला सामने आया है।

पीडीएमसी अस्पताल में महिला एससी संवर्ग की दो सीट के लिए छात्राओं को प्रवेश देना था। दो सीट के लिए अनेक छात्राओं ने आवेदन किए थे, जिससे प्रवेश प्रक्रिया में आर्थिक व्यवहार की बात चल रही थी। एमबीबीएस की प्रवेश फीस केवल 1500 रुपए है, किंतु पीडीएमसी की सालाना फीस 8 लाख 21,500 रुपए बताई जाती है। इस बात से अनेक छात्राओं को पैसों की कमी से खलबली मची थी। जिस छात्रा का नाम पहले नंबर पर था, उस छात्रा के पास केवल 1 लाख रुपए ही थे। जिससे उस छात्रा का नाम काटकर अपेक्षा दिघाडे नामक छात्रा का नाम सामने आया था। इस छात्रा ने 1500 रुपए के साथ-साथ 8 लाख 21,500 रुपए भी डीडी के मार्फत भर दिए थे किंतु देरी से आने के चलते इस छात्रा का नाम पीछे कर दिया। जबकि नीट की एक्जाम में अपेक्षा दीघाडे को 364 मार्क्स है और जिस छात्रा का नाम सामने आया था, उस छात्रा को नीट की परीक्षा में केवल 295 मार्क्स है। इस बात को लेकर हंगामा खड़ा हुआ। यह जानकारी युवा सेना के उपजिला प्रमुख राहुल माटोडे को पता चलते ही वे तुरंत अपने कार्यकर्ताओं के साथ पीडीएमसी पहुंचे और हंगामा खड़ा कर दिया। तभी डा. जाणे ने अपनी सुरक्षा के लिए पुलिस को घटनास्थल बुला लिया। इस दौरान छात्रों के साथ अन्याय न होने के चलते युवा सेना के कार्यकर्ताओं ने डा. जाणे को काफी खरीखोटी सुनाई और कहा कि अगर जो छात्रा पात्र है उसी छात्रा को प्रवेश देना चाहिए, अगर गलती से भी अपात्र छात्रा को पैसे के जोर पर प्रवेश दिया जाता है तो युवा सेना पीडीएमसी अस्पताल से ही डीन के कपड़े उतारकर बारात निकालेगी। इस बात से काफी माहौल गरमा गया।

गहनें बेचकर जुटाई रकम

बेटी अपेक्षा की पढ़ाई के लिए काफी मेहनत की  है, किसान होने के बावजूद भी बेटी को डाक्टर बनाना एक सपना है, मेरे साथ बेटी की बड़ी मां ने अपने गहने बेचकर 8 लाख रुपए जुटाए है। पीडीएमसी के नियमों के तहत पूरी प्रक्रिया करने के बावजूद भी मेरी बेटी को अपात्र ठहराए जाने की कोशिश की जा रही है। अगर मेरी बेटी को प्रवेश नहीं मिला तो मैं आत्महत्या कर लूंगा।
- बन्सीलाल दीघाडे, किसान, यवतमाल

नियमों के तहत दिया जाएगा प्रवेश

एमबीबीएस की प्रवेश प्रक्रिया नियमों से शुरू है। एक छात्रा ने सही वक्त पर नियमों का पालन न कर देरी से आने के चलते दूसरी छात्रा का नाम सामने आया, किंतु गुणवत्ता की जांच करने पर पात्र छात्रों को ही हम प्रवेश देंगे।                       

Created On :   31 Aug 2017 7:06 PM IST

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