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वृद्ध पिता की देखभाल न करनेवाले बहू-बेटे पर लगा जुर्माना, दिनभर अदालत में खड़े रहने की सजा

डिजिटल डेस्क, चंद्रपुर। गोंडपिपरी के न्यायालय ने वृध्द पिता की देखभाल न करने वाले बहू-बेटे को दिनभर अदालत में खड़े रहने की सजा सुनाने के साथ ही 4 हजार रु. का जुर्माना भी लगा दिया। मात्र 13 दिन के भीतर अदालत ने इस प्रकरण में अपना फैसला सुनाकर वृद्ध को बड़ी राहत दी है। न्यायालय के इस फैसले के बाद बच्चों की उपेक्षा का दंश सह रहे बुजुर्गों में न्याय की आस जागी है। धाबा निवासी भगवान ढोहणे (74) अपने मालिकाना घर में रहते हैं। उनके साथ उनका पुत्र जयंत, उसकी पत्नी और पोती भी रहती है लेकिन बेटे-बहू ने उन्हें घर में एक छोटा सा कमरा देकर अपनी गृहस्थी अलग बसा ली है। पिता की मल्कियत का मकान होते हुए भी जयंत और उसकी पत्नी उन्हें आए दिन ताने देकर उन्हें घर से निकल जाने को कहते रहते थे। यहां तक कि उन्हें भोजन तक नहीं दिया जा रहा था। बरसों से यही सिलसिला चला आ रहा था जिससे तंग आकर 22 अक्टूबर को भगवान ढोहणे ने धाबा पुलिस स्टेशन में मामले की शिकायत दर्ज करवायी जिससे बाद थानेदार सुशील धोपटे ने एफआईआर दर्ज कर वरिष्ठ नागरिक सुधारित कानून के अनुसार जयंत और उसकी पत्नी के खिलाफ अपराध दर्ज कर लिया। हवलदार देवाजी निखाडे ने मामले की जांच कर नियमानुसार प्रकरण गोंडपिपरी न्यायालय में दायर कर दिया। गोंडपिपरी की अदालत में मंगलवार 3 नवंबर को हुई सुनवाई में न्यायाधीश वी.डी. माटे ने अपना फैसला सुनाते हुए दिनभर जयंत और उसकी पत्नी को कोर्ट में खड़े रहने की सजा सुनाई। साथ ही 4 हजार रु. का जुर्माना भी लगाया। सरकार की ओर से एड्. राजेश धात्रक ने पक्ष रखा।
बुजुर्गों की उपेक्षा करनेवालों को मिलेगा सबक
सुशील धोपटे, थानेदार, धाबा पुलिस ने बताया कि अनेक गांवों में पुलिस ने वरिष्ठ नागरिकों के सम्मान के लिए एसपी के आदेशानुसार मुहिम चलाई है। कई बार वरिष्ठ नागरिक अपनी आपबीती नहीं बताते। उन्हें यदि उनके अधिकारों का एहसास करवाया गया तो उन्हें न्याय अवश्य ही मिलेगा। भगवान ढोहणे के मामले में कोर्ट ने जो फैसला सुनाया है, उससे बुजुर्गों की उपेक्षा करनेवाले लापरवाह बच्चों को जरूर सबक मिलेगा।
Created On :   4 Nov 2020 10:11 PM IST