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बस्तियों का रास्ता बंद, लोहे के सरिया बने जानलेवा, निर्माण कार्य से हो रही समस्या
डिजिटल डेस्क शहडोल। एक युवक की बलि लेने के बावजूद जय स्तंभ से लेकर बाणगंगा तिराहे तक 6 करोड़ के मॉडल निर्माण की मध्यम गति तेजी नहीं पकड़ पा रही है। निर्माण को लेकर जिस प्रकार से नागरिकों की समस्या बढ़ती जा रही है उसे देखते हुए लग रहा है कि ठेकेदार की लापरवाही पर नगरपालिका का कोई नियंत्रण नहीं है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि कुछ दिन काम होने के बाद 15-20 तक के लिए बंद हो जाता है। मौजूदा समय पर सड़क की ऊंचाई बढ़ चुकी है।
मेन रोड से अंदरूनी बस्तियों या घरों की ओर जाने वाला मार्ग बंद हो चुका है। आरसीसी रोड में लगे लोहे के सरिया इस प्रकार निकले हुए हैं जो कभी भी बड़े हादसे का कारण बन सकते हैं। गौरतलब है कि विगत सप्ताह एक सायकिल सवार श्रमिक इसी रोड के बोल्डर से टकराकर गिर गया था, जिसे चार पहिया वाहन ने कुचल दिया था। इस घटना के बाद भी नगरपालिका ने कोई सबक नहीं लिया।
ऐसी है समस्या
निर्माण को देखकर लगता नहीं कि निर्माण एजेंसी को लोगों को होने वाली दिक्कतों से कोई सरोकार है। डेढ़ साल से चल रहा निर्माण आधा भी नहीं हुआ। बीच-बीच में रोड की ऊंचाई एक फिट तक बढ़ गई है। दूसरी ओर निकलने का मार्ग बंद हो गया है। सड़क के दोनों ओर आईजी आफिस, कमिश्नर कार्यालय, सर्किट हाउस, कई निजी चिकित्सालयों के साथ ही व्यापारिक प्रतिष्ठान व घर बने हुए हैं। रोड की ऊंचाई ज्यादा होने के कारण वाहन निकल नहीं पाते। रोड सिंचाई के दौरान किनारे पानी भर जाता है। घरों और दुकानों तक भराव हो जाता है। स्थानीय दुकानदारों व रहवासियों का कहना है कि हालात इसी प्रकार के रहे तो बरसात के दिनों में यह समस्या और विकराल रूप में सामने आएगी।
इनका कहना है
कार्य में तेजी लाने के निर्देश ठेकेदार को दिए हैं। बरसात के पूर्व कार्य पूरा कराने का प्रयास होगा।
बृजेंद्र वर्मा, सहायक यंत्री नपा
Created On :   10 May 2018 1:38 PM IST