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आरोप पत्र दायर करने की अवधि में हिरासत का वक्त भी शामिल - हाईकोर्ट
डिजिटल डेस्क, मुंबई। आरोपपत्र दायर करने के लिए निर्धारित की गई 90 दिन की अवधि में आरोपी की हिरासत अवधि भी समाहित होती है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक आरोपी को जमानत प्रदान करते हुए यह बात स्पष्ट की है। धोखाधड़ी के मामले में आरोपी दीपक कुंडालकर के खिलाफ पुलिस ने 91 दिन में आरोपपत्र दायर किया था। जबकि यह 90 दिन में दायर होना चाहिए था। इस आधार पर आरोपी ने ठाणे कोर्ट में जमानत के लिए आवेदन दायर किया था। किंतु कोर्ट ने आरोपी के जमानत आवेदन को खारिज कर दिया। इस दौरान पुलिस की ओर से दावा किया गया था कि हिरासत अवधि को आरोपपत्र दायर करने के लिए निर्धारित अवधि में शामिल नहीं किया जा सकता है। खास तौर से पहले दिन को। निचली अदालत के आदेश के खिलाफ आरोपी ने हाईकोर्ट में अपील की थी। न्यायमूर्ति पी.डी नाईक के सामने आरोपी के जमानत आवेदन पर सुनवाई हुई। मामले से जुड़े तथ्यों पर गौर करने के बाद न्यायमूर्ति ने कहा कि आरोपी को 26 फरवरी 2020 को गिरफ्तार किया गया था। इसी दिन उसे कोर्ट में पेश किया गया।
कोर्ट ने आरोपी को पहले ही दिन पुलिस हिरासत में भेज दिया। जिसे बाद में समय-समय पर बढ़ाया गया। इसलिए हिरासत के पहले दिन से 90 दिन की अवधि शुरू हो जाती हैं। इस लिहाज से 90 दिन जिस दिन पूरा हुआ उसी दिन आरोपी ने जमानत के लिए आवेदन किया। जमानत आवेदन दायर होने के दिन पुलिस का आरोप पत्र रिकॉर्ड में नहीं था। 91 वे दिन आरोपपत्र का पंजीयन व परीक्षण हुआ। इस तरह से नियमानुसार आरोपी जमानत का हकदार है। आरोपपत्र दायर करने के लिए निर्धारित अवधि में हिरासत का समय भी शामिल है।
Created On :   6 Aug 2020 8:33 PM IST