दिव्यांग लड़की से शादी करने वाले को मिलेगी आर्थिक मदद

Person marriage with Divyang woman will able to get financial help
दिव्यांग लड़की से शादी करने वाले को मिलेगी आर्थिक मदद
दिव्यांग लड़की से शादी करने वाले को मिलेगी आर्थिक मदद

डिजिटल डेस्क, मुंबई। अमित कुमार। केंद्र सरकार के दिव्यांग अधिकार कानून-2016 के तहत प्रदेश में विकलांगों के लिए जल्द ही नई नीति लागू होगी। राज्य सरकार की नई दिव्यांग नीति में दिव्यांगजन लड़कियों और महिलाओं के लिए विशेष प्रावधान किया गया है। दिव्यांग महिला से विवाह के लिए पूरी सहमति से तैयार होने वाले व्यक्ति को आर्थिक मदद व नौकरी में विशेष भत्ता मिल सकेगा। शुक्रवार को प्रदेश के सामाजिक न्याय व विशेष सहायता राज्य मंत्री दिलीप कांबले ने ‘दैनिक भास्कर’ से बातचीत में कहा कि नई दिव्यांग नीति के मसौदे को राज्य मंत्रिमंडल के सामने मंजूरी के लिए रखा जाएगा। सरकार प्रदेश के दिव्यांगों के लिए नई नीति को जल्द से जल्द लागू करने का प्रयास करेगी। कांबले ने कहा कि नई दिव्यांग नीति ठोस होगी। इसमें दिव्यांगों के लिए सरकारी नौकरियों में आरक्षण समेत सभी मूलभूत सुविधाएं शामिल होगी।

पुणे स्थित विकलांग कल्याण आयुक्तालय के एक अधिकारी ने बताया कि नई दिव्यांग नीति के मसौदे को 23 मई 2017 को जारी किया गया था। इस पर लोगों ने सुझाव और आपत्तियां भेजी हैं। साथ ही प्रदेश सरकार के सभी विभागों ने अपने सुझाव दिए थे। मसौदे पर वित्त विभाग से चर्चा के बाद इसे अंतिम रूप दिया गया है। नई दिव्यांग नीति के मसौदे में विकलांगों से जुड़े सभी कानून को प्रभावी रूप से लागू करने, विकलांगों की समस्याओं का जल्द निदान करने, कौशल्य विकास के माध्यम से रोजगार, सामाजिक एकता और कानूनी रूप से मदद की गारंटी दी गई है। दिव्यांग व्यक्ति अधिकार कानून के तहत गैरसरकारी संस्था, दिव्यांग अभिभावक संस्था के पंजीयन प्रक्रिया ऑनलाइन आवेदन प्राप्त होने के तीन महीने के भीतर पूरी कर ली जाएगी।

गर्भवती महिलाओं को प्रधानमंत्री सुरिक्षत मातृत्व योजना के तहत 6 हजार रुपए की आर्थिक मदद की जाएगी। ग्रामीण इलाकों की गर्भवती महिलाओं को मुफ्त में स्वास्थ्य सेवाएं और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के माध्यम से आवश्यक टीका उपलब्ध कराया जाएगा। दिव्यांग बच्चों की बीमारी पर ऑपरेशन के लिए नगर निकायों के बजट में आवंटित 5 प्रतिशत की निधि का उपयोग किया जाएगा। दिव्यांग लड़की और महिलाओं को उनके परिवार द्वारा घर में छुपा कर रखना, घर से बाहर निकालने, अनदेखी करने के मामले में मदद की जाएगी। 

दिव्यांगों की जरूरत को पहचान कर खेल शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। ज्यादा मदद के लिए जरूरमंद दिव्यांगों के लिए विशेष प्रावधान व प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतर योजना लागू की जाएगी। इसके अलावा दिव्यांग नीति में विकलांगों के लिए प्रशिक्षण, रोजगार, कौशल्य विकास, बेहतर शिक्षा और सामाजिक सुरक्षा के लिए विभिन्न प्रावधान किए गए हैं। महाराष्ट्र की पहचान औद्योगिक प्रदेश के रूप में है। इसलिए औद्योगिक घरानों की सीएसआर निधि की मदद से दिव्यांगों के लिए विभिन्न परियोजनाएं शुरू की जाएंगी। 
 

Created On :   11 May 2018 2:27 PM GMT

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