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मुकेश अंबानी और उनके परिवार की सुरक्षा हटाने के लिए दायर याचिका खारिज
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने देश के मशहूर उद्योगपति मुकेश अंबानी व उनकी पत्नी को दी गई जेड प्लस व उनके परिवार को दी गई पुलिस सुरक्षा को हटाने की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका को खारिज कर दिया है। यह याचिका पेशे से सीए हिमांशु अग्रवाल ने दायर की थी। याचिका में दावा किया गया था कि अंबानी, उनकी पत्नी, बेटे व परिवार के अन्य सदस्यों को पुलिस सुरक्षा देने से सरकार के खजाने पर अनावश्यक बोझ पड़ता है। इसका असर कर दाताओं की जेब पर पड़ता है। जबकि अंबानी व उनके घर वालों को लेकर अब तक किसी खतरे अथवा धमकी की बात सामने नहीं आयी है।
याचिकाकर्ता का कहना था कि जेड प्लस सुरक्षा के तहत 55 सुरक्षाकर्मी तैनात किए जाते हैं। जबकि भारत में एक लाख लोगों पर सिर्फ 150 पुलिसकर्मी ही उपलब्ध हैं। हमारे यहां पर अपराध की रोकथाम के लिए पुलिसकर्मियों की ज्यादा जरुरत है। ऐसे में एक उद्योगपति को जेड प्लस व परिवारवालों की सुरक्षा में पुलिसकर्मी तैनात करना गैर जरुरी नजर आता है। यह एक तरह से नागरिकों की सुरक्षा के साथ समझौता है और संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है। इसलिए मुंबई पुलिस आयुक्त व केंद्र सरकार को तुरंत निर्देश दिया जाए कि मुकेश अंबानी व उनकी पत्नी को दी गई जेड प्लस व उनके परिवार के अन्य सदस्यों को दी गई पुलिस सुरक्षा को वापस लें और उनसे अब तक का सुरक्षा शुल्क वसूला जाए। भविष्य में उनके सुरक्षा पहरे को और न बढाया जाए।
न्यायमूर्ति आरवी मोरे की खंडपीठ के सामने याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान सरकारी वकील दीपक ठाकरे ने याचिका को आधारहीन बताया। उन्होेंने कहा कि याचिका में जिन लोगों की सुरक्षा देने पर सवाल किया गया है वे पुलिस सुरक्षा के शुल्क का भुगतान करते हैं। अंबानी के वकील ने भी कहा कि उनके मुवक्किल अपनी सुरक्षा के शुल्क का भुगतान करते हैं। यह जानकारी मिलने के बाद खंडपीठ ने याचिका को खारिज कर दिया।
Created On :   11 Dec 2019 7:43 PM IST