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पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ जांच की मांग करनेवाली याचिका खारिज
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने सोमवार को उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे व राज्य के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख पर कथित तौर पर लगे वसूली के आरोपों की जांच अदालत की निगरानी में कराए जाने की मांग की थी। समाजिक कार्यकर्ता हेमंत पाटिल ने इस बारे में जनहित याचिका दायर की थी जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है। न्यायमूर्ति एसवी गंगापुरवाला व न्यायमूर्ति एसजी दिगे ने पाटिल की याचिका को राजनीति से प्रेरित व लोकप्रियता तथा प्रचार पाने के लिए की गई जनहित याचिका बताया। खंडपीठ ने कहा कि याचिका में जनहित का कोई अंश नहीं है। इसलिए इसे खारिज किया जाता है। याचिका में पूर्व मुख्यमंत्री ठाकरे,राकांपा नेता देशमुख व बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाझे के खिलाफ भी जांच की मांग की गई थी। इससे पहले खंडपीठ को बताया गया कि देशमुख के खिलाफ हाईकोर्ट की ओर से 5 अप्रैल 2022 को दिए गए आदेश के तहत जांच पूरी हो चुकी है। किंतु पाटिल के वकील आरएन कछवे ने कहा कि इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री ठाकरे के खिलाफ जांच नहीं की गई है। याचिकाकर्ता की ओर से दी गई दलीलों से खंडपीठ असंतुष्ट नजर आए और याचिका को खारिज कर दिया। इसके अलावा खंडपीठ ने पाटिल की ओर से दायर दो और जनहित याचिकाकओं को खारिज कर दिया। इसमें से एक याचिका मनपा के कोविड केंद्रों में मरीजों की संख्या में गड़बड़ी के आरोपों की जांच करने का निर्देश देने की मांग की गई थी जबकि दूसरी याचिका नेताओं के बयान को लेकर दायर की गई थी। जिसे खंडपीठ ने आधारहीन मानते हुए खारिज कर दिया। कोविड केंद्र के मामले में शिवसेना सांसद संजय राऊत व उनके सहयोगी प्रवीण राऊत एवं सुजीत पाटकर के खिलाफ जांच की मांग की गई थी। किंतु खंडपीठ ने सोमवार को पाटिल की तीनों याचिकाओं को खारिज कर दिया।
Created On :   14 Nov 2022 9:16 PM IST