छोटे आकर का कागज अनिवार्य रूप से उपयोग करने हाईकोर्ट में दायर हुई याचिका

Petition filed in High Court for compulsory use of small size paper
छोटे आकर का कागज अनिवार्य रूप से उपयोग करने हाईकोर्ट में दायर हुई याचिका
छोटे आकर का कागज अनिवार्य रूप से उपयोग करने हाईकोर्ट में दायर हुई याचिका

डिजिटल डेस्क, मुंबई। अदालतों में दायर होनेवाले आवेदनों, याचिकाओं व दूसरे दस्तावेज के लिए छोटे आकार वाले (ए फोर साइज) कागज का इस्तेमाल करना अनिवार्य किया जाए। जिसमें दोनों तरफ लिखा जाए। इस तरह का निर्देश देने की मांग को लेकर बांबे हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। याचिका में आग्रह किया गया है कि फ्लूस्केप की जगह हाईकोर्ट व राज्य की निचली अदालतों में ए फोर के आकार वाले कागज जिसमें दोनों तरफ लिखा जाए का उपयोग अनिवार्य किए जाए। इससे बड़े पैमाने पर कागज व कागजों को संग्रहित करने के लिए इस्तेमाल होनेवाली जगह की बचत होगी। याचिका के मुताबिक कागज की बचत से बड़ी संख्या में वृक्षों को संरक्षण हो सकेगा। जो पर्यावरण व वन्य जीवों के हित में होगा। 

याचिका में कहा गया है कि वर्तमान में न्यायालय में आवेदन दायर करने के लिए फ्लूस्केप(लीगल का इस्तेमाल किया जाता है जो आकार में काफी बड़ा होता है। उसमें भी एक ही तरफ लिखा जाता है।चूंकि कागज की जरुरत के हिसाब से वृक्षों की कटाई का तर्कसंगत अनुपात तय होता है। इसलिए यदि कम आकार यानी ए फोर की साइज के कागज का उपयोग होगा तो यह पर्यावरण के हित में होगा। जिससे मानव जीवन को फायदा होगा। इस याचिका के लिए संविधान के अनुच्छेद 48ए व 51एजी को आधार बनाया गया है। 

याचिका में कहा गया है कि इससे पहले कोर्ट के निर्देश के तहत इस विषय पर हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनलर को निवेदन दिया गया था लेकिन इस निवेदन पर अब तक कोई प्रतिसाद नहीं मिला है। इसलिए इस संबंध में कोर्ट में याचिका दायर की गई है। 

Created On :   22 March 2021 3:40 PM GMT

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