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किताबों को जीवनावश्यक वस्तु घोषित करने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में दायर हुई याचिका
डिजिटल डेस्क, मुंबई। किताबों को जीवनावश्यक वस्तु घोषित किए जाने की मांग को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। याचिका में दावा किया गया है कि जैसे जीवन के लिए भोजन जरूरी है। वैसे ही विचारों के लिए किताबरुपी भोजन आवश्यक है। इसलिए राज्य सरकार से परामर्श कर किताबो को आवश्यक वस्तु की सूचित किया जाए। मराठी प्रकाशक परिषद की ओर से दायर की गई याचिका में कहा गया है कि कोरोना के चलते लोग घरों में कैद है। ऐसे में यदि लोगों को सहजता से किताबें उपलब्ध हो तो न सिर्फ उनकी चिंताए व बोरियत दूर होगी बल्कि तनाव भी कम होगा। इसके अलावा कोरोना काल मे प्रकाशकों को काफी आर्थिक नुकसान हुआ है। इसलिए भी किताबों को आवश्यक वस्तु घोषित किया जाए। यह सबके हित में हैं। याचिका के मुताबिक जीवनावश्यक अधिनियम में आवश्यक वस्तु की कोई तय परिभाषा नहीं दी गई है। इसलिए जरूरी है कि किताबों को भोजन की तरह आवश्यक सामग्री की सूची में शामिल किया जाए। क्योंकि किताबें विचारों का भोजन हैं। जैसे जीने के लिए भोजन आवश्यक है वैसे विचारों के भोजन के लिए किताबें जरूरी हैं। इसलिए इस दिशा में सरकार को ठोस कदम उठाने का निर्देश दिया जाए। लॉकडाउन के चलतेइस वक्त सिर्फ दवाइयों व खाद्य सामग्री की दुकानें खोलने की अनुमति है।
Created On :   26 April 2021 8:27 PM IST