याचिका खारिज : दीक्षाभूमि पर कार्यक्रम करने मांगी थी अनुमति, रिपब्लिकन पार्टी के गुटों ने दिखाई एकजुटता

Petition rejected: Permission sought for program on Deekshabhoomi
याचिका खारिज : दीक्षाभूमि पर कार्यक्रम करने मांगी थी अनुमति, रिपब्लिकन पार्टी के गुटों ने दिखाई एकजुटता
याचिका खारिज : दीक्षाभूमि पर कार्यक्रम करने मांगी थी अनुमति, रिपब्लिकन पार्टी के गुटों ने दिखाई एकजुटता

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. मिलिंद जीवने की उस याचिका को सोमवार को खारिज कर दिया, जिसमें याचिकाकर्ता ने दीक्षाभूमि पर 14 अक्टूबर को धम्म दीक्षा दिवस और 24 से 26 अक्टूबर तक दशहरे के मौके पर धम्मचक्र प्रवर्तन दिन के आयोजन को अनुमति देने की प्रार्थना की थी। याचिकाकर्ता ने जगन्नाथ पुरी रथ यात्रा और अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि शिलान्यास महोत्सव का हवाला दिया था। मामले में सभी पक्षों को सुनकर कोर्ट ने माना कि डॉ. बाबासाहब आंबेडकर स्मारक समिति निजी संस्था है, उन्हें इस प्रकार के आयोजन के आदेश नहीं दिए जा सकते। याचिकाकर्ता की ओर से एड. मोहन गवई और एड. संदीप तटके ने पक्ष रखा। याचिकाकर्ता के अनुसार, अनलॉक की प्रक्रिया में भारत सरकार ने कार्यालय, उद्योग, रेस्त्रां व अन्य सार्वजनिक सेवाओं को सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों के साथ शुरू करने की अनुमति दी है। इस वर्ष सर्वोच्च न्यायालय ने पुरी और अहमदाबाद में रथ यात्रा की अनुमति दी थी। इसी तरह अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर में कार्यक्रम करने को भी अनुमति दी गई, लेकिन दीक्षाभूमि पर कार्यक्रम मनाने की अनुमति नहीं दी गई। याचिकाकर्ता ने याचिका में डॉ. बाबासाहब आंबेडकर स्मारक समिति के पदाधिकारियों पर भी गंभीर आरोप लगाए थे। उनके अनुसार समिति कोरोना का बहाना बनाकर इस वर्ष आयोजन से बच रही है। आयोजन की अपनी जिम्मेदारी झटकने वाले इन पदाधिकारियों को भी पद से बर्खास्त करना चाहिए।

धम्मचक्र प्रवर्तन दिवस के लिए रिपब्लिकन पार्टी के गुटों ने दिखाई एकजुटता

उधर कोरोना संकट को देखते दीक्षाभूमि पर होने वाले ऐतिहासिक धम्मचक्र प्रवर्तन दिवस कार्यक्रम को रद्द कर दिया है। इस निर्णय के विरोध में एक संस्था ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। संस्था ने दीक्षाभूमि के प्रवेश द्वार खोलने की मांग की है। इसे लेकर बौद्ध व आंबेडकरी अनुयायियों में संभ्रम की स्थिति है। इसको दूर करने के लिए रिपब्लिकन पार्टी के सभी गुटों ने एकजुटता दिखाते हुए एक संयुक्त निवेदन दीक्षाभूमि स्मारक समिति के सचिव डॉ. सुधीर फुलझेले  को देकर कार्यक्रम नहीं करने के निर्णय का समर्थन किया है। सभी गुटों ने अपनी भूमिका स्पष्ट करते हुए कहा कि कोरोना संकट में दीक्षाभूमि पर भीड़ के कारण लोगोें को कोई परेशानी न हो यही भावना है। रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (गवई) के नागपुर प्रदेश अध्यक्ष प्रकाश कुंभे, रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (सेक्युलर) के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश अंडरसहारे, पीपल्स रिपब्लिकिन पार्टी (कवाडे) के शहर अध्यक्ष अरुण गजभिये, रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आठवले) के शहर अध्यक्ष बालू घरडे ने संयुक्त रूप से यह निवेदन स्मारक समिति को सौंपकर इस बार धम्मचक्र प्रवर्तन दिवस के मुख्य समारोह व 14 अक्टूबर को दीक्षाभूमि पर भीड़ एकत्रित न हो, यह आह्वान किया है। 

भ्रामक सूचना से बचें

निवेदन में कहा है कि दीक्षाभूमि पर लाखों की संख्या में बौद्ध व आंबेडकरी अनुयायी पहुंचते हैं। इस वर्ष 14 अक्टूबर व 25 अक्टूबर, दो दिन अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस अवसर पर लाखों की संख्या में अनुयायी आते है। जिस कारण स्मारक समिति ने इस बार कोरोना संक्रमण के कारण राज्य सरकार के नियमावली अनुसार कार्यक्रम रद्द करने की घोषणा की है। निवेदन में  स्मारक समिति के इस निर्णय को जनहित में बताया गया है। रिपाई ने आंबेडकरी अनुयायियों से आह्वान किया कि वे किसी भी भ्रामक सूचना या अपील के झांसे में न आएं। कोई इस तरह का प्रयास भी न करे। 

इस अवसर पर पालकमंत्री डॉ. नितीन राऊत ने कहा कि धम्मचक्र प्रवर्तन दिवस पर लाखों की संख्या में बौद्ध अनुयायी दीक्षाभूमि पर आते हैं। कोरोना महामारी को ध्यान में रखकर राज्य सरकार के निर्देशों का पालन करना आवश्यक है। मुंबई उच्च न्यायालय में दाखिल याचिका पर उच्च न्यायालय के निर्णय अनुसार धम्मचक्र प्रवर्तन दिवस का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। 

राज्य सरकार का है निर्णय

पालकमंत्री ने कोरोना संक्रमण के कारण दीक्षाभूमि स्मारक समिति द्वारा धम्मचक्र प्रवर्तन दिवस कार्यक्रम आयोजित नहीं करने के निर्णय का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने कोई भी यात्रा महोत्सव व धार्मिक स्थल नहीं खोलने का निर्णय लिया है, जिस कारण स्मारक समिति ने लिए निर्णय के साथ प्रशासन है। हालांकि उच्च न्यायालय के निर्णय का प्रशासन पालन करेगा। बैठक में विभागीय आयुक्त डॉ. संजीव कुमार, जिलाधिकारी रवींद्र ठाकरे, महानगरपालिका आयुक्त राधाकृष्णन बी., पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार, स्मारक समिति के अध्यक्ष भदंत आर्य नागार्जुन सुरेई ससाई, सचिव डॉ. सुधीर फुलझले, विलास गजघाटे सहित अन्य उपस्थित थे। 

 


 

Created On :   13 Oct 2020 11:43 AM GMT

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