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सैनेटरी नैपकिन को जीवनावश्यक वस्तु की श्रेणी रखने की याचिका - हाईकोर्ट ने केंद्र से मांगा जवाब

डिजिटल डेस्क, मुंबई। सैनेटरी नैपकिन को जीवनावश्यक वस्तु की श्रेणी में रखने को लेकर दायर जनहित याचिका पर जवाब देने के लिए केंद्र सरकार ने समय की मांग की है। शुक्रवार को एडिसनल सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने कहा कि इस मामले से कई मंत्रालय जुड़े हैं। अब तक सिर्फ केंद्रीय स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय ने हलफनामा दायर किया है। इसलिए अन्य प्रतिवादियों को जवाब देने के लिए समय दिया जाए।
सिंह के इस आग्रह को देखते हुए न्यायमूर्ति ए ए सैयद की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई तीन सप्ताह तक के लिए स्थगित कर दी।इस विषय पर कानून की पढ़ाई कर रही छात्रा निकिता गोरे व अन्य ने याचिका दायर की है।याचिका में मांग की गई है कि कोरोना महामारी के दौरान सैनेटरी नैपकिन को आवश्यक वस्तु की श्रेणी में रखा जाए। इसके साथ ही गरीब तथा जरुरतमंद महिलाओं को सैनेटरी नैपकिन आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए सरकार को निर्देश दिया जाए। याचिका कहा गया है कि लॉकडाउन की अवधि के दौरान सरकार की ओर से अनाज तो बांटा गया लेकिन लड़कियों व महिलाओं के लिए नैपकिन की व्यवस्था नहीं की गई। जिससे मासिक धर्म की अवधि के दौरान उन्हें काफी परेशानी झेलनी पड़ी है। यह सरकार की इस दिशा में प्रबंधन की विफलता को दर्शाता है।
Created On :   10 July 2020 9:04 PM IST