- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- अमरावती
- /
- यहां हर मनोकामना होती है पूरी, 500...
यहां हर मनोकामना होती है पूरी, 500 साल पुराना है पिंगलादेवी मंदिर का इतिहास

डिजिटल डेस्क,अमरावती। अमरावती का पिंगलादेवी मंदिर। इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि यहां मांगने वाली हर मन्नत पूरी होती है। इसके मंदिर के 500 साल पहले निर्माण होने के सबूत मिलते है। दो निजामकाली इतिहास से जुड़ा हुआ है। गौरतलब है कि अमरावती के सुंदरगिरी की पहाड़ियों में पिंगलादेवी का ऐतिहासिक मंदिर है। मंदिर के आस-पास का गर्भगृह हेमाड़पंथी पद्धति से बना हुआ है। लगभग 500 वर्ष प्राचीन होने के कारण मंदिर भक्तों की आस्था का केंद्र बना हुई है। महाराष्ट्र के वास्तुशिल्प को देखकर निजामकाल में इस मंदिर का निर्माण किए जाने का अनुमान है। अमरावती राज्य महामार्ग पर गोराला बस स्टैंड से पूर्व दिशा में करीब 1 किमी दूरी पर ही यह मंदिर होने से यहां से गुजरने वाले लोग मंदिर में माता के दर्शन के लिए जरूर आते हैं।
निजामकालीन इतिहास
ऐतिहासिक किवदंती के मुताबिक महाराष्ट्र में निजाम के सत्ताकाल में पिंगलादेवी मंदिर में तोड़फोड़ की गई थी तब खुद पिंगलादेवी प्रगट हो गई थीं। उन्होंने निजाम को दर्शन दिए जिसके बाद निजाम को अपने कृत्य पर बहुत पछतावा हुआ। इसके बाद निजाम ने देवी का प्रसाद लिया और उसकी सभी बीमारियां नष्ट हो गईं। इसलिए उसने फिर पिंगलादेवी के सभामंडप का निर्माण करवाया। पिंगलादेवी दिन में तीन बार रूप बदलती हैं। यह देवी कई लोगों की कुलदेवी हैं। इस स्थान पर विधायक यशोमति ठाकुर की मदद से सभा मंडप का निर्माण भी किया गया था।
संस्थान मोर्शी से महज 15 किमी की दूरी पर अंबाड़ा में तारा माता का प्राचीन मंदिर है और यह मंदिर हजारों भक्तों की आस्था का केंद्र है। आदिशक्ति अपने भक्तों को सुख समृध्दि देती हैं। परमहंस मुदलेश्वर महाराज के स्पर्श से अंबाड़ा में तारादेवी के रूप में मुंबादेवी ही प्रकट हुई हैं। इस स्थान पर शारदीय नवरात्र, चैत्र नवरात्र आदि अंबाड़ा के निवासी उत्साह के साथ मनाते हैं।

Created On :   29 Sept 2017 10:18 AM IST