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तीन राज्यों की सीमा पर लगेगा सुरक्षा कैम्प
डिजिटल डेस्क, सिरोंचा/गड़चिरोली। महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना राज्य की सीमा से सटी इंद्रावती नदी मार्ग से इन दिनों बड़े पैमाने पर सागौन व वन्यजीवों की तस्करी हो रही है। इसे रोकने के लिए तीनों राज्यों की सीमा पर सुरक्षा कैम्प लगाया जाएगा। यह निर्णय छत्तीसगढ़ के भोपालपट्टनम में आयोजित अंतरराज्यीय बैठक में प्रशासनिक अधिकारी व वनाधिकारियों ने लिया। बैठक में सिरोंचा समेत भामरागढ़ वन विभाग के अधिकारी भी प्रमुखता से उपस्थित थे।
बता दें कि, महाराष्ट्र के अंतिम छोर पर बसा सिरोंचा तहसील छत्तीसगढ़ और तेलंगाना राज्य से सटा हुआ है। इंद्रावती नदी से इन राज्यों में होनेवाली सागौन व वन्यजीवों की तस्करी रोकने के लिए संयुक्त अभियान की आवश्यकता के मद्देनजर भोपालपट्टनम में वनाधिकारियों की विशेष बैठक आयोजित की गई। छग के बिजापुर के जिलाधीश ने बैठक के पूर्व वनाधिकारियों के साथ संयुक्त गश्त में हिस्सा लेकर भोपालपट्टनम से सिरोंचा तहसील के सोमनुर संगम तक जंगल का अवलोकन किया।
उल्लेखनीय है कि तीनों राज्यों से लगकर बड़ा जंगल क्षेत्र है और इस जंगल क्षेत्र में बहुमूल्य वन संपदा भी है जिस पर तस्करों की हमेशा ही नजर रहती है और वे यहां से इन बहुमूल्य वनसंपदा की तस्करी करते रहते हैं। जंगल क्षेत्र से भली-भांति वाकिफ रहने के कारण वे मौका पाकर माल पार कर लेते हैं और वनविभाग को कई बार इसकी भनक तक नहीं लगती। बैठक में तस्करी रोकने तीनों राज्यों की सीमा पर इंद्रावती नदी के तट पर सुरक्षा कैम्प लगाने और छग के तिमेड गांव में अंतरराज्यीय जांच नाका आरंभ करने का निर्णय लिया गया है।
तीनों राज्यों के इस संयुक्त निर्णय से सागौन और वन्यजीवों की तस्करी पर लगाम कसने की संभावना व्यक्त की जा रही है। बैठक में बिजापुर के जिलाधीश डा. अयाज तांबोली, बिजापुर के डीएफओ एन. गुरुनाथन, तेलंगाना के डीएफओ रवि किरण, भूपालपल्ली के जयशंकर, सिरोंचा के उप वनसंरक्षक तुषार चौहान व भामरागढ़ के एन.सी.एस. बाला प्रमुखता से उपस्थित थे।
Created On :   5 Jun 2018 12:35 PM IST