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दैनिक भास्कर हिंदी: इस तरह शरीर में पहुंच रहा जहर, नाले के पानी से तैयार सब्जियां बाजार में बिक रही

डिजिटल डेस्क, नागपुर। हम स्वास्थ्य के लिए अच्छा समझकर हरी व ताजा सब्जियों का उपयोग करते हैं, लेकिन बढ़ते प्रदूषण के कारण अब हरी सब्जियां उतनी स्वास्थ्यवर्धक नहीं रह गई हैं। भारी मात्रा में कीटनाशकों और हार्मोन्स के उपयोग के साथ-साथ अब सिंचाई के लिए उपयोग में लाया जा रहा है दूषित पानी भी उन्हें जहरीला बना रहा है। नागपुर में आसपास स्थित ग्रामीण क्षेत्रों से बड़ी मात्रा में सब्जियां ब्रिकी के लिए आती हैं। इनमें से बड़ी मात्रा ऐसी सब्जियों की है जो नाग नदी के किनारे उगाई जाती है। नदी के किनारे स्थित खेतों में नाग नदी के पानी का उपयोग किया जाता है। नदी में मोटर पंप लगाकर भूमिगत लाइन के जरिए पानी खेतों में पहुुंचाया जाता है। भले ही ताजा दिखने वाली ये हरी सब्जियां आप स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद समझकर खरीद रहे हों, पर ये खतरनाक साबित हो सकती हैं। जानकारी के अनुसार भंडारा रोड पर स्थित आसोली गांव में नदी के किनारे स्थित कई खेतों में नाग नदी के पानी को मोटर पंप के जरिए खींचकर खेतों में पहुंचाया जा रहा है। खेतों में धान के साथ-साथ पालक, मेथी, धनिया, भिंडी, गिलकी की फसल लगी हुई है। नीरी में वॉटर टेक्नोलाॅजी एंड मैनेजमेंट के प्रमुख व सीनियर प्रिंसिपल साइंटिस्ट पवन लाभशेतवार के अनुसार नाग नदी का पानी न सिर्फ सिंचाई के लिए, बल्कि वहां काम कर रहे किसानों के लिए भी खतरनाक है। पानी में मौजूद खतरनाक बैक्टेरिया किसानों के शरीर में पहुंच सकते हैं। इसके साथ ही वहां उगाई गई सब्जियां भी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो सकती हैं। उन्होंने बताया कि कई अध्ययनों में साबित हो चुका है कि सीवेज युक्त पानी में हैवी मेटल्स व अन्य हानिकारक जीवाणु होते हैं, जो मानव स्वास्थ्य के लिए काफी खतरनाक हैं।
सिंचाई के लिए उपयुक्त नहीं
सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के वाॅटर क्वालिटी क्रैटेरिया के अनुसार नाग नदी का पानी सिंचाई के लिए उपयुक्त नहीं है। इसमें जैविक प्रदूषकों की अधिकता है। कोलीफार्म की गणना के अनुसार नाग नदी का पानी खराब और सीवेज के कारण अति दूषित है।
खतरनाक है सेवन
ऐसी सब्जियों के सेवन से शुरू में डायरिया, लूज मोशन, उल्टी हो सकती है। लगातार सेवन से ब्लड, किडनी, लिवर, ब्रेन फंक्शन, लंग्स में जाकर उनके फंक्शन को प्रभावित कर सकता है। इसकी वजह से व्यक्ति के एनर्जी लेवल में कमी आ सकती है, उनकी इम्यूनिटी क्षमता कम हो सकती है। बाद में इससे कैंसर भी हो सकता है। शहर हो या गांव, प्रदूषित पानी का इस्तेमाल कहीं नहीं होना चाहिए, खासकर खाने-पीने की चीजों के लिए तो बिल्कुल भी नहीं।
यह सावधानी बरतें
अगर आपको जानकारी हो कि इन सब्जियों को उगाने में लिए नाले के पानी का उपयोग किया गया है, तो उसका उपयोग न करें। कोई भी सब्जी या फल को खाने से पहले अच्छी तरह साफ करना चाहिए। खासकर सलाद के रूप में कच्ची खाई जाने वाली सब्जियों के मामले में सावधानी ज्यादा बरतनी चाहिए। कई बार लोग खीरा, मूली, गाजर बिना ठीक से धोए ही खा लेते हैं, यह खतरनाक साबित हो सकता है। धनिया पत्ती, पुदिना वगैरह भी ठीक से धोकर ही इस्तेमाल करें।
आईसेक्ट ग्रुप भोपाल: आईसेक्ट द्वारा ग्लोबल पर्सनल डेवलपमेंट विषय पर विशेष ट्रेनिंग सेशन आयोजित
डिजिटल डेस्क, भोपाल। आईसेक्ट के एचआर एवं लर्निंग एंड डेवलपमेंट डिपार्टमेंट द्वारा एम्पलॉइज के लिए ग्लोबल पर्सनल डेवलपमेंट पर एक विशेष ट्रेनिंग सेशन का आयोजन किया गया। इसमें यूनाइटेड किंगडम के कॉर्पोरेट इंटरनेशनल ट्रेनर जुबेर अली द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया गया। जिसमें उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों को अपने अनुभवों, डेमोंस्ट्रेशन, वीडियो, स्लाइड शो के माध्यम से नई स्किल्स को प्राप्त करने और अपनी पर्सनेलिटी को बेहतर बनाने के तरीके बताए। साथ ही उन्होंने पर्सनेलिटी डेवलपमेंट और अपस्किलिंग के महत्व पर बात की और बताया कि करियर ग्रोथ के लिए यह कितना आवश्यक है। इस दौरान उन्होंने सफलता के लिए नौ सक्सेस मंत्र भी दिए। इस दौरान कार्यक्रम में एचआर कंसल्टेंट डी.सी मसूरकर और अल नूर ट्रस्ट के सदस्य उपस्थित रहे।
इस पहल पर बात करते हुए आईसेक्ट के निदेशक सिद्धार्थ चतुर्वेदी ने कहा कि आईसेक्ट कौशल विकास के महत्व को समझता है इसी कारण अपने एम्पलॉइज की अपस्किलिंग के लिए लगातार विभिन्न प्रशिक्षण सेशन का आयोजन करता है। इसी कड़ी में ग्लोबल पर्सनेल डेवलपमेंट पर यह ट्रेनिंग सेशन भी एक कदम है।
स्कोप कैम्पस: खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 की मशाल रैली भीमबेटका, ओबेदुल्लागंज, मंडीदीप, भोजपुर होते हुए पहुंची रबीन्द्रनाथ नाथ टैगोर विश्वविद्यालय और स्कोप कैम्पस
डिजिटल डेस्क, भोपाल। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय और खेल एवं युवा कल्याण विभाग रायसेन के संयुक्त तत्वावधान में खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 की मशाल रैली आयोजित की गई। यह यात्रा होशंगाबाद से पर्वतारोही भगवान सिंह भीमबेटका लेकर पहुंचे। फिर भीमबेटका से रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय ने मशाल लेकर ओबेदुल्लागंज की ओर प्रस्थान किया। ओबेदुल्लागंज में रैली का स्वागत किया गया। साथ ही ओबेदुल्लागंज में मशाल यात्रा को विभिन्न स्थानों पर घुमाया गया। तत्पश्चात यात्रा ने मंडीदीप की ओर प्रस्थान किया। मंडीदीप में यात्रा का स्वागत माननीय श्री सुरेंद्र पटवा जी, भोजपुर विधायक ने किया। अपने वक्तव्य में उन्होंने खेलों को बढ़ावा देने के लिए मप्र सरकार द्वारा की जा रही पहलों की जानकारी दी और युवाओं को खेलों को जीवन में अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। इसके अलावा खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 में खिलाड़ियों को जीत के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने खेलों इंडिया यूथ गेम्स के आयोजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रयासों को रेखांकित किया।
साथ ही कार्यक्रम में रायसेन के डिस्ट्रिक्ट स्पोर्ट्स ऑफिसर श्री जलज चतुर्वेदी ने मंच से संबोधित करते हुए कहा कि खेलों को बढ़ावा देने के लिए सरकार की विभिन्न गतिविधियों पर प्रकाश डाला और खेलों इंडिया यूथ गेम्स के खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दीं। यहां से धावकों ने मशाल को संभाला और दौड़ते हुए भोजपुर मंदिर तक पहुंचे। मंदिर से फिर यात्रा रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय तक पहुंचती और यहां यात्रा का डीन एकेडमिक डॉ. संजीव गुप्ता द्वारा और उपकुलसचिव श्री समीर चौधरी, उपकुलसचिव अनिल तिवारी, उपकुलसचिव ऋत्विक चौबे और स्पोर्ट्स ऑफिसर सतीश अहिरवार द्वारा भव्य स्वागत किया जाता है। मशाल का विश्वविद्यालय में भी भ्रमण कराया गया। यहां से यात्रा स्कोप कैम्पस की ओर प्रस्थान करती है। स्कोप कैम्पस में स्कोप इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. डी.एस. राघव और सेक्ट कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. सत्येंद्र खरे ने स्वागत किया और संबोधित किया। यहां से मशाल को खेल एवं युवा कल्याण विभाग के उपसंचालक जोश चाको को सौंपा गया।
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