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300 बच्चों को विदेशों में बेचने वाला गिरोह पकड़ाया, 45 लाख में होता था बच्चियों का सौदा

डिजिटल डेस्क ,मुंबई। मुंबई पुलिस ने बच्चों की तस्करी करने वाले अंतर्राष्ट्रीय गिरोह के सरगना राजूभाई गमलेवाला को गिरफ्तार किया है। वह गुजरात का रहने वाला है। शुरुआती जांच में पता चला है कि इस गिरोह ने भारत के 300 नाबालिग लड़के-लड़कियों को अमेरिका में बेचा है। एक लड़की को 45 लाख रुपए में बेचने की जानकारी मिली है। अमेरिका में बेची गई लड़कियां गरीब घरों की हैं और उनकी उम्र 11 से 16 साल के बीच की है। बताया जा रहा है पालन पोषण न कर पाने के चलते घरवालों ने लड़कियों को गिरोह से जुड़े लोगों को बेचा था।
गरीब परिवार को तलाशते रहते थे
जांच से जुड़े पुलिस अधिकारी के अनुसार गमलेवाला को जब अमेरिका से लड़की की मांग की जाती थी तो वह अपने गिरोह के लोगों से कहता था कि वे गुजरात के ऐसे गरीब लोगों की तलाश करे जो लड़की को बेचना चाहते हैं। इसके साथ वे अपने लोगों को ऐसे परिवारों की भी खोज करने के लिए कहता था जो अपने बच्चों का पासपोर्ट किराए पर देने को तैयार हों। लड़कियों के मिल जाने के बाद, किराए पर मिले पासपोर्ट की तस्वीरों में छेड़छाड़ कर, इन बच्चियों को अमेरिका भेजने का इंतजाम किया जाता था। लड़कियों को अमेरिका भेजने के लिए जिस ‘कैरियर’ (बच्चियों को ले जाने वाला व्यक्ति) का इस्तेमाल किया जाता था, वह भी इस गिरोह से मोटे पैसे लेता था।
पासपोर्ट में फर्जीवाड़ा
सौदा तय होने के बाद लड़कियों को मेकअप के जरिए इस तरह तैयार किया जाता था, जिससे कि पासपोर्ट में लगी तस्वीरों से उनका चेहरा मिले और पुलिस को शक न हो। जरूरत पड़ने पर पासपोर्ट में भी फर्जीवाड़ा किया जाता था। एक बार लड़कियों को अमेरिका पहुंचाने के बाद पासपोर्ट वापस इसके मूल मालिक लौटा दिया जाता था। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि पासपोर्ट जिस व्यक्ति का है, उसकी गैर-मौजूदगी में भी गिरोह द्वारा पेश पासपोर्ट पर एयरपोर्ट के इमिग्रेशन अधिकारी मुहर कैसे लगा देते थे, यह अभी तक स्पष्ट नहीं है।
पुलिस ने पहले इस मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया था जो फिलहाल न्यायिक हिरासत में है। पुलिस ने इस मामले में आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 373 व 34 के तहत मामला दर्ज किया गया है। वहीं गमलेवाला को पुलिस हिरासत में भेजा गया है।
अभिनेत्री की सक्रियता से हुआ था खुलासा
मानव-तस्करी के इस कारोबार का खुलासा इसी साल मार्च में फिल्म अभिनेत्री प्रीति सूद की सक्रियता की वजह से हुआ था। प्रीति सूद को उनकी एक दोस्त ने फोन कर बताया कि वर्सोवा के एक सैलून में दो नाबालिग लड़कियों का मेकअप किया जा रहा है। प्रीति के अनुसार ‘जब मैं वहां पहुंची तो मुझे संदेह हुआ कि नाबालिग लड़कियों को वेश्यावृत्ति के लिए तैयार किया जा रहा था, लेकिन बाद में मुझे अहसास हुआ कि यह बड़ी गड़बड़ी है।’ उन लड़कियों के साथ वहां 3 आदमी मौजूद थे। वे मेकअप करने वालों को लड़कियों को ठीक से तैयार करने के बारे में बता रहे थे। जब मैंने लड़कियों के बारे में पूछा तो उन लोगों ने बताया कि लड़कियों को अमेरिका में रहने वाले उनके माता-पिता के यहां भेजने के लिए तैयार किया जा रहा है। इस पर मैंने लड़कियों को साथ लेकर पुलिस स्टेशन चलने को कहा तो उन लोगों ने मना कर दिया। तब मैंने पुलिस को इसकी जानकारी दी। प्रीति ने पुलिस के आने तक किसी तरह दो लोगों को रोककर रखा, लेकिन तीसरा लड़कियों के साथ भाग निकला। इस मामले में गिरफ्तार आरोपियों में एक सेवानिवृत्त सब-इंस्पेक्टर का बेटा भी है।
Created On :   18 Aug 2018 7:09 PM IST